मुंबई. महाकुंभ में आए अखाड़ों के लिए दूसरा शाही स्नान पर्व आज यानि मौनी अमावस्या (बुधवार, 29 जनवरी) को है. इस महास्नान पर्व पर देवगुरु बृहस्पति के वृष राशि के साथ शनि तथा राहु का तुला राशि में संचरण हो रहा है. इस संचरण से बना दुर्लभ संयोग अति फलदायी माना जाता है. सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार, इस मौके पर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने पर अक्षय पुण्य मिलता है.
जुलूस में सबसे आगे चलेंगे नागा और निर्वाण नागा
अमावस्या तिथि का आरंभ 28 जनवरी मंगलवार की शाम में 7 बजकर 32 मिनट पर होगा और अगले दिन 29 जनवरी 2025 को शाम में 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. इस समायावधि के बीच 29 जनवरी को सुबह पांच बजे दूसरा शाही स्नान शुरू होगा. इस मौके पर सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी तथा श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के नागा साधु तथा इन महामंडलेश्वर संगम में स्न्नान करेंगे. इसके बाद निर्धारित क्रम के तहत अन्य अखाड़ों के नागा साधु और महामंडलेश्वर संगम के जल से स्नान कर संगम में डुबकी लगाएंगे.

15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
प्रयाग राज महाकुम्भ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है. दूसरे अमृत स्नान से पहले अब तक महाकुंभ 2025 में डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा 15 करोड़ के पार पहुंच गया है. पिछले 17 दिनों में महाकुंभ में 15 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं.
मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ ने किया था स्नान
मकर संक्रांति के दिन 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं, पूज्य संतों और कल्पवासियों ने अमृत स्नान किया था. वहीं, आगामी मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ लोगों के आगमन का अनुमान है. महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस निगरानी रख रही है.
पुलिस की ड्यूटी का समय बढ़ा गया
मौनी अमावस्या पर पुलिस की ड्यूटी का समय बढ़ा दिया गया है. साथ ही सभी पुलों को बंद कर दिया गया है. घाटों के किनारे सैकड़ों की तादात में नहाने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. वहीं, मेला में परिसर में यात्री विश्राम स्थल फुल होने के चलते आकाश के नीचे श्रद्धालु रात गुजार रहे हैं.
मेला क्षेत्र बना नो-व्हीकल जोन
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भी को देखते हुए कई हेक्टेयर में फैले मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. प्रयागराज प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से चार पहिया वाहनों का उपयोग करने से बचने और संगम पर वरिष्ठ नागरिकों को ले जाने के लिए केवल दो पहिया वाहनों का उपयोग करने की अपील की है. जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदर ने कहा, “स्थानीय निवासियों से अनुरोध है कि वे दुनिया भर से आने वाले तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए दोपहिया वाहनों का उपयोग करें या पैदल चलें.”

पुष्प वर्षा की तैयारी
राज्य सरकार के अनुसार, अकेले मकर संक्रांति (14 जनवरी) पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों ने अमृत स्नान में भाग लिया. मंगलवार को सुबह 8 बजे तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया. राज्य सरकार ने कहा कि उसने बुधवार को सुबह 6.45 बजे हेलीकॉप्टर से फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा करने की भी योजना बनाई है, ताकि “मौनी अमावस्या” के शुभ अवसर को और भव्य बनाया जा सके.