मुंबई. महाराष्ट्र की राजनीति में फिर बदलाव के संकेत मिले हैं. मुंबई में बीजेपी के एक विधायक की बेटी के वैवाहिक समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री तथा शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) पार्टी के पक्ष प्रमुख और बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल की मुलाकात के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि यूबीटी बीजेपी फिर साथ आ सकती हैं. बीजेपी विधायक पराग अलावनी के वैवाहिक समारोह में उद्धव अपने विशेष सहयोगी मिलिंद नार्वेकर व विनायक राऊत के साथ पहुंचे थे. वहां पहले से मौजूद बीजेपी के वारिश नेता व मंत्री चंद्रकांत पाटिल को उद्धव से बड़ी ही आत्मीयता के साथ मिलते देखा गया. उनके बीच लंबे समय तक चर्चा और हंसी मजाक का दौर चला.
मेरे लिए सुनहरे पल होंगे
इस दौरान नार्वेकर ने पाटिल से मजाकिया लहजे में पूछ लिया कि वापस युति कब होगी? जवाब में पाटिल ने भी कह दिया मैं बड़ी ही आतुरता से इंतजार कर रहा हूं और मेरे लिए वो क्षण सुनहरे पल होंगे. ऐसा खुलासा खुद नार्वेकर ने किया है.
पहले भी मिल चुके हैं संकेत
बीते 5 – 7 वर्षों में उद्धव और बीजेपी के नेताओं के बीच कटुता चरम पर पहुंच गई थी. उद्धव के कांग्रेस और शरद पवार के साथ महाविकास आघाड़ी बनाने तथा बाद में बीजेपी की सह पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में हुई बगावत, उद्धव से पार्टी और चुनाव चिह्न छिनना आदि घटनाओं ने आग में घी डालने का काम किया. दोनों ओर से किए जाने वाले तीखे कटाक्षों के दौरान सारी मर्यादाओं को तार तार किया जाने लगा. यूबीटी से खुद उद्धव और उनकी पार्टी के सांसद संजय राउत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला बोलते रहे तो वहीं बीजेपी से पीएम मोदी, गृहमंत्री शाह, फडणवीस और मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार भी उद्धव पर उसी शैली में पलटवार करते रहे हैं. हालांकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव के तेवर नरम पड़ गए हैं. फडणवीस के सीएम बनने पर पहले उद्धव उन्हें बधाई देने पहुंच गए और बाद में उनके विधायक पुत्र आदित्य ठाकरे ने भी फडणवीस से मुलाकात की थी.
राऊत की कटिंग
उद्धव और बीजेपी के कटुता बढ़ाने के लिए राजनीति के जानकारों के साथ-साथ यूबीटी के नेता भी संजय राऊत जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. इसी भी अफवाह उठी थी कि यूबीटी के नाराज नेताओं ने उद्धव के निवास ‘मातोश्री’ पर एक बैठके दौरान राऊत से मारपीट भी की थी. जिसके बाद से उद्धव ने राऊत की कटिंग शुरू कर दी है. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में राऊत ने उसी के बाद फडणवीस की तारीफ में कुछ लेख लिखे थे. इतना ही नहीं राऊत की आक्रामकता अब पहले से कम ही नजर आती है. बीजेपी विधायक अलावनी के बेटी के विवाह में उद्धव संजय राऊत को नहीं ले गए.

हम वेट एंड वॉच की स्थिति में
भाजपा में कई और लोग पाटिल की तरह “स्वर्णिम क्षण” वाली भावना रखते हैं. एकनाथ शिंदे की शिवसेना भाजपा के साथ कब तक रहती है? हम इसका इंतजार कर रहे हैं. हम वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. हम भाजपा के कुछ नेताओं की वजह से मविआ में गए. आपने हमारी पार्टी को विभाजित कर दिया और एकनाथ शिंदे को वह दे दिया, जिसकी हम मांग कर रहे थे. हमने पहले भी कई बार इस तरह की चर्चा की है.
संजय राऊत, सांसद व प्रवक्ता – शिवसेना यूबीटी