17 की मौत
मुंबई. प्रयागराज महाकुंभ के दौरान बुधवार की रात भीड़ में भगदड़ मचने के कारण कारण कई लोग गिर कर घायल हो गए. इस दुर्घटना में 17 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है. मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम में स्नान करने पहुंची भीड़ की वजह से व्यवस्था चरमरा गई और देर रात करीब एक बजे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. जिसके बाद विभिन्न अखाड़ों के साधु संन्यासियों ने शाही स्नान स्थगित कर दिया था. हालांकि हालात सामान्य होने पर सुबह 10 बजे के बाद प्रशासन के मनाने पर अखाड़ों के साधुओं ने घाटों पर पहुंच कर अमृत स्नान किया. एक अनुमान के अनुसार दोपहर से पांच करोड़ से लोगों ने संगम में डुबकी लगाने का पुण्य प्राप्त किया था.
बुधवार को मौनी आमावस्या के शुभ अवसर पर पड़नेवाले महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान के लिए मंगलवार शाम से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था. बताया जा रहा कि भीड़ के लगातार बढ़ने के कारण संगम नोज पर पांव रखने की जगह नहीं थी. लोगों के चलना दुभर हो गया था, जबकि पीछे से भीड़ का दबाव लगातार बढ़ने के कारण लोग गिरने लगे. कुछ श्रद्धालुओं मे मीडिया को बताया कि संगम तट पर जाने के दौरान बैरिकेटिंग के पास सो रहे लोगों की वजह से भीड़ में शामिल कुछ श्रद्धालु गिर गए. जिसके बाद पीछे भीड़ के रेले में भगदड़ मच गई. हादसे के बाद मतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
प्रयागराज में हुआ हादसा दुखद- प्रधामंत्री
महाकुंभ में भगदड़ पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में जो हादसा हुआ, वह बेहद दुखद है. इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है. इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद करने में लगा हुआ है. इस संबंध में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बात की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं.”

राष्ट्रपति ने जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है. मैं घायल श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि सभी घायल श्रद्धालु शीघ्र स्वस्थ हों.

शुरू हुई सियासत
महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए. ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ के प्रचार के दावों की सच्चाई अब सबके सामने आ गई है. इसलिए ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ का दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे लोगों को इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए.
– अखिलेश यादव, नेता समाजवादी पार्टी

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के नहान के दिन भगदड़ होने से क़ई लोगों के मृत और घायल होने की घटना पीड़ादायक है. यह दुखद घटना इस मेले की अव्यवस्था और उत्तरप्रदेश सरकार की नाकामियों को उजागर कर रही है. योगी सरकार ने सारा पैसा सिर्फ अपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खर्च किया ना कि महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं की व्यवस्था पर, ये इस सरकार की संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है. हम लगातार ऐसी ही घटना के प्रति सचेत करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन शासन -प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगा. दुर्घटना के पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. हम मृतकों के आत्मा की शांति व घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं.
– अजय राय, कांग्रेस नेता
