मुंबई. मुंबईकरों के प्रमुख श्रद्धा स्थल श्री सिद्धिविनायक एवं मुंबा देवी मंदिर में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. अभी तक श्रद्धालु किसी भी तरह के कपड़े पहन कर बिना किसी रोकटोक के मंदिर में भगवान के दर्शन करने पहुंच जाते थे, लेकिन अब मंदिर की प्रबंधन समिति ने नया ड्रेस कोड लागू कर दिया है. जिसके अनुसार, अब पूरे और शालीन परिधान धारण करने वाले लोग ही मंदिर में भगवान के दर्शन कर सकेंगे.
मंदिर के लिए जारी किए गए ड्रेस कोड की गाइडलाइंस की जानकारी देने वाला बोर्ड मंदिर के मुख्य द्वार पर लगाया गया है. बोर्ड पर लिखा गया है कि मंदिर की पवित्रता को बरकरार रखते हुए शालिन कपड़े पहन कर ही भक्त दर्शन करें. असभ्य वेशभूषा जैसे कि कटी फटी जींस, स्कर्ट, अंगप्रदर्शक उत्तेजक एवं अशोभनीय वस्त्र पहन कर भगवान के दर्शन न करें.

ये है प्रमुख लोगों की राय
राजनीति के चश्मे से न देखें
मंदिर में ड्रेस कोड का समर्थन करते हुए बीजेपी के मुंबई के नेता एवं सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पवन त्रिपाठी ने कहा कि श्रद्धालुओं के आग्रह पर ही हमने यह ड्रेस कोड लागू किया है. कुछ भक्त अशोभनीय कपड़े पहन कर आते हैं, अधूरे कपड़े पहन कर आते हैं. अब भक्तों को संपूर्ण कपड़े पहनकर ही मंदिर में आना होगा. ड्रेस कोड के मुताबिक कपड़े नहीं पहनने वालों को वस्त्र देने की व्यवस्था हमारी तरफ से की जाएगी. इस निर्णय को राजनीति के चश्मे से जोड़कर न देखें.
- आचार्य पवन त्रिपाठी, बीजेपी मुंबई नेता व कोषाध्यक्ष सिद्धिविनायक मंदिर न्यास

50 वर्षों से जारी है ड्रेस कोड
ये सब आज से शुरू नहीं हो रहा है, बल्कि देश कई मंदिरों में पिछले 50 वर्षों से ड्रेस कोड का पालन किया जा रहा है. देश कई मंदिरों में, खासकर दक्षिण भारत के कई मंदिरों में लोग ड्रेस कोड का पालन करते हैं. इसी तरह कई मस्जिदों में भी लोग ड्रेस कोड का पालन किया जाता है. हम किसी पार्टी में जाते हैं तो पार्टी ड्रेस कोड का पालन करते हैं, ठीक उसी तरह धार्मिक स्थान पर जाते वक्त हमें ड्रेस कोड का ध्यान रखना चाहिए. मनीषा कायंदे, विधायक व प्रवक्ता -शिवसेना (शिंदे गुट)

वर्षो पुरानी प्रथा जारी रखें
वर्षों से लोग श्रद्धा भाव से सिद्धिविनायक के दर्शन को जाते हैं. लेकिन अब बेवजह भावनाओं को भड़काकर एक नया विवाद शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. क्या इस परिपत्र को जारी करने वालों को परिपत्र जारी करने का अधिकार है? जो प्रथा वर्षों से चल रही है, उसे जारी रहना चाहिए.
– सचिन अहीर, विधायक -शिवसेना यूबीटी

बीजेपी समर्थकों का विरोध
हैरानी की बात यह है कि मंदिर में ड्रेस कोड के निर्णय का विरोध बीजेपी समर्थक भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समर्थक माने जाने वाले वकील गुणरत्न सदावर्ते की बेटी जेन सदावर्ते ने ड्रेस कोड के निर्णय के खिलाफ महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है. 12वीं कक्षा में पढ़नेवाली राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार का विजेता जेन ने अपनी शिकायत में कहा है कि भक्तों पर लगाया गया यह ड्रेस कोड सामाजिक रूप से गलत, भेदभावपूर्ण और मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है. सार्वजनिक, धार्मिक स्थानों पर कपड़ों को लेकर भेदभाव करना गलत है. भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से विविध और लोकतांत्रिक देश में, यह आवश्यक है कि सभी नागरिकों को अपने धर्मों का पालन करने की अनुमति दी जाए.
