मुंबई. महाराष्ट्र की महायुति सरकार में उद्योग मंत्री उदय सामंत ने सोमवार को कहा कि दावोस में विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में हुए समझौतों को लागू करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है. विधान मंडल के मानसून सत्र के दौरान मंत्री सामंत ने विधानसभा में कहा कि राज्य का प्रतिशत 85 से 87 है और राज्य में विदेशी निवेश का प्रवाह पिछले तीन वर्षों से लगातार बढ़ रहा है. गढ़चिरौली जिले में इस्पात उद्योग की शुरुआत, 1 लाख करोड़ रुपए के निवेश के साथ, जिले को एक औद्योगिक जिले के रूप में पहचान दे रही है. इस उद्योग अनुकूल वातावरण के कारण मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत पिछले तीन वर्षों में राज्य में 62,000 नए उद्यमी बनाए गए हैं.
नियम 293 के तहत लाए गए एक प्रस्ताव का जवाब देने के दौरान मराठी भाषा व उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि गढ़चिरौली जिले में बनने वाला इस्पात केंद्र चंद्रपुर, गोंदिया, भंडारा आदि में इस्पात उद्योग का एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगा. छत्रपति संभाजी नगर में 60 हजार करोड़, रत्नागिरी जिले में 30 हजार करोड़ का निवेश लाए हैं. सरकार की भूमिका राज्य के सभी क्षेत्रों में संतुलित औद्योगिक विकास सुनिश्चित करना है. उद्यमियों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिले में जिला उद्योग परिषद की पहल शुरू की गई है. इस वर्ष 1,45,000 करोड़ का निवेश किया गया है. विश्वकर्मा योजना को लागू करने में यह राज्य देश के शीर्ष तीन राज्यों में से एक है. माढा ग्राम योजना लागू की गई है. मांग के अनुसार राज्य में औद्योगिक संपदा स्थापित करने के लिए हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. इसलिए राज्य में नए औद्योगिक एस्टेट शुरू किए जाएंगे. छत्रपति संभाजी नगर में ऑरिक सिटी, म्हसवड कॉरिडोर, दिघी पोर्ट कॉरिडोर राज्य की औद्योगिक समृद्धि में वृद्धि करेंगे. उद्योग मंत्री सामंत ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उद्यमियों को शक्ति प्रदान करने और उद्योगों के विकास के लिए तैयार है.
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