सरकार ने बनाई बड़ी योजना
जिलाधिकारियों को फडणवीस सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदारी
मुंबई. नई पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराने वाले राज्य के 400 से अधिक ऐतिहासिक किलों के अब अच्छे दिन आनेवाले हैं. अतिक्रमण के कारण दम तोड़ रहे किले अब खुलकर सांस ले सकेंगे. पिछली सरकारों की उपेक्षा के शिकार रहे इन किलों को अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महाराष्ट्र की महायुति सरकार अतिक्रमण मुक्त कराने की तैयारी कर रही है. सरकार ने किलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार किलों की सुंदरता को बनाए रखने और किलों पर से अतिक्रमण हटाने की जिलाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी दी है.
मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष एवं मंत्री आशीष शेलार ने शनिवार को कहा कि राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के साक्षी रहे सैकड़ों किले मौजूद हैं. इनमें 47 किले केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित हैं तो वहीं 62 किले राज्य सरकार द्वारा संरक्षित हैंं लेकिन 300 से अधिक गैर संरक्षित किले भी राज्य में मौजूद हैं. इनमें से कई किले पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं. मुख्यमंत्री फडणवीस के नेतृत्ववाली राज्य सरकार ने इन किलों को उनका पुराना वैभव फिर से वापस दिलाने का निर्णय लिया है. सरकार किलों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उनके रखरखाव व मरम्मत का पूरा प्रबंध करेगी.
31 मई से पहले हटेगा अतिक्रमण
मंत्री शेलार ने कहा कि अतिक्रमणों के कारण किलों की सुंदरता नष्ट हो गई है. सरकार ने जिला कलेक्टर की अगुवाई में समितियों के गठन का निर्णय लिया है. ये समिति 31 जनवरी तक अतिक्रमणों का सर्वेक्षण करके अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा. इसके बाद 1 फरवरी से 31 मई के बीच जरूरी कदम उठाकर किलों को अतिक्रमण मुक्त करने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों को सौंपी गई है.
विशालगढ़ से प्रकाश में आया मामला
विशालगढ़ किले पर अतिक्रमण का खुलासा होने के बाद किलों के संरक्षण का मुद्दा प्रकाश में आया और यह खुलासा हुआ कि राज्य में और भी कई किलों पर विशालगढ़ की ही तरह अतिक्रमण किया गया है. सरकार से इस संबंध में कोई ठोस निर्णय लेने की मांग उठने लगी. इसी पृष्ठभूमि में सरकार ने शनिवार को बड़ा निर्णय लिया है. शेलार ने कहा कि इन ऐतिहासिक धरोहरों (किलों) की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. इस महीने के अंत तक सरकार के निर्णय के अनुसार प्रत्येक किले की समीक्षा की जाएगी. इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार के पास आएगी और 1 फरवरी से 31 मई के बीच अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी.