मुंबई. मुंबई पुलिस और केंद्रीय जांच एजेन्सियों के तमाम प्रयासों के बाद भी मुंबई में नशीले जहर का कारोबार बंद नहीं हो रहा है. ड्रग्स तस्कर मादक पदार्थ की खेप मुंबई में लाने और बेचने के लिये नई-नई युक्ति का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन्हीं युक्तियों में एक है, रेलवे में प्रतिबंधित मादक पदार्थो की ढुलाई. इसका खुलासा बांद्रा टर्मिनस आरपीएफ की मुस्तैदी के कारण हुआ है.
मुंबई में पुलिस की सख्ती के कारण ड्रग्स तस्कर मादक पदार्थों की तस्करी के लिये पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने लगे हैं. इसमें रेलवे के आरक्षित कोच, खासकर एसी कोच तस्करों के लिए सर्वाधिक आसान जरिया बन गए हैं.
सीट के नीचे मिला लावारिस बैग
20 जनवरी को बरौनी से बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर पहुंची 19038 अवध एक्सप्रेस के A 1 (एसी) कोच की सीट नंबर 51 के नीचे एक लावारिश बैग पडा मिला. ड्यूटी पर मौजूद बांद्रा टर्मिनस आरपीएफ के सिपाही इंदर सिंह और अखिलेश राम ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लावारिश बैग की जानकारी. बांद्रा टर्मिनस आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से मिली सूचना के बाद मौके पर पहुंचे बांद्रा रेल पुलिस के अधिकारियों की उपस्थिति में नारकोटिक्स के स्वान दस्ते ने बैग की जांच की गई. उसमें 11.835 किलो चरस होने का खुलासा हुआ. चरस की कीमत करीब 45 लाख रुपए आंकी गई है.

एनसीबी कर रही जांच
बांद्रा रेल पुलिस ने आगे की जांच के लिए चरस एनसीबी को सौंप दी है. एनसीबी के अधिकारी अमोल मोरे आगे की जांच कर रहे हैं.