मुंबई. ठाणे जिले का कलवा विभाग बुधवार को हत्याओं की तीन अलग-अलग वारदातों के कारण हिल गया था. तीन अलग-अलग पुलिस थानों की हद में हुई इन हत्याओं के कारण लोग पुलिस के अस्तित्व पर सवाल उठाने लगे थे. लेकिन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 24 घंटे से भी कम समय में तीनों मर्डर केस की गुत्थी सुलझाकर आलोचकों का मुंह बंद कर दिया.
मिली जानकारी के अनुसार, 7 मार्च 2025 को लगभग 9.37 बजे कलवा पुलिस थाने को खबर मिली थी कि विटावा बस स्टॉप के पीछे एक खुले सार्वजनिक मंच पर रहने वाले शख्स की लाश पड़ी है. मौके पर पहुंची पुलिस को प्रारंभिक जांच में ये पता चल गया कि सिर पर किसी भारी वस्तू से वार करके हत्या की उक्त वारदात को अंजाम दिया गया था. वरिष्ठ अधिकारियों ने एसीपी कोलेकर के मार्गदर्शन व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अशोक उत्तेकर के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया. जांच के दौरान मृतक की पहचान 35 वर्षीय अनिल बेहरा के रूप में सामने आई, जो कि मूलरूप से झारखंड के निवासी थे. मामले में जुटी एपीआई पिंपले की टीम ने आसपास क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेजों एवं अन्य तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण करके 45 वर्षीय संतोष महादेव लाड को हिरासत में लिया तो पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. आरोपी ने पूर्व में हुए विवाद की खुन्नस की वजह से नींद सो रहे अनिल के सिर पर कांक्रीट के पेवर ब्लॉक से वार किया था.
महिला मित्र से नाजायज संबंधों का शक
इसी तरह दूसरी घटना कलवा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले मुंब्रा में ही घटित हुई थी. पुलिस को 11 मार्च को मुंब्रा के कालसेकर अस्पताल से सूचना मिली कि सीलफाटा इलाके के खान कंपाउंड निवासी जाकिर शहादत मुल्ला को जख्मी अवस्था में अस्पताल लाया गया था. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले 39 वर्षीय जाकिर मर चुका था. उसका किसी धारदार शस्त्र से गला काटा गया था. एसीपी उत्तम कोलेकर व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संदीपान शिंदे के मार्गदर्शन तथा एपीआई लामखड़े, एपीआई राजपूत एवं एक अन्य अधिकारी के नेतृत्व में तीन टीमों को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी. जांच में पता चला कि जाकिर मूलरूप से पश्चिम बंगाल का निवासी था. वह पश्चिम बंगाल के ही रहनेवाले अशरफुल मुल्ला एवं अनुष्का मंडल (काल्पनिक नाम) नामक महिला मित्र के साथ रहता. तीनों साथ में मजदूरी भी करते थे. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेजों एवं अन्य तकनीकी साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद मुंबई से भागने का प्रयास कर रहे अशरफुल को कल्याण रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया. पूछताछ में अशरफुल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने बताया कि अनुष्का से उसका प्रेम संबंध था लेकिन बीते कुछ दिनों से जाकिर अनुष्का से घनिष्ठता बढ़ाने की कोशिश कर रहा था. अशरफुल को लगा कि जाकिर, अनुष्का को उससे छीन लेगा. इसलिए उसने जाकिर को पहले शराब पिलाई बाद में सोने के दौरान उसका गला रेत दिया.
मोबाइल के लिए मर्डर
मुंब्रा पुलिस स्टेशन की ही हद में घटी एक अन्य घटना के बारे में पुलिस साइन अस्पताल से सूचना मिली थी. घटना में जान गंवाने वाले 25 वर्षीय युवक मोहम्मद राहुल अजीम राइन के गले पर किसी धारदार एवं नुकीली वस्तु वार किए जाने की जानकारी सामने आई थी. मामले की जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल शिंदे ने पीआई दवने के नेतृत्व में दो टीमों का गठन किया. घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेजों एवं अन्य तकनीकी साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद एपीआई कुंभार की टीम ने 19 वर्षीय सादिक इशाक सैयद को हिरासत में लिया. पूछताछ में पता चला कि मुंब्रा पाइपास के पास स्थित देवरीपाड़ा निवासी सादिक ने 10 मार्च को 5 मोबाइल चुराया था. उनमें एक मोबाइल राहुल राईन का था. राहुल ने किसी तरह से ये पता कर लिया था कि उसका मोबाइल सादिक के पास है. वह अपना मोबाइल लेने के लिए सादिक के पास पहुंच गया. वहां मोबाइल को लेकर राहुल और सादिक के बीच हाथापाई हो गई. इस दौरान राहुल भारी पड़ने लगा तो सादिक जेब में रखा कर निकाल कर राहुल के गले पर वार करने लगा. इससे राहुल बुरी तरह से जख्मी होकर जमीन पर गिर गया और सादिक वहां से फरार हो गया था. राहुल को पुलिस ने पहले कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसकी हालत गंभीर होने की वजह से पुलिस राहुल को साइन अस्पताल भेज दिया था.