मुंबई. मुंबई महानगरपालिका ने पूर्वी उपनगर माहुल में निर्मित 9,098 मकानों को स्वामित्व के आधार पर महानगरपालिका के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बेचने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, कर्मचारियों ने उक्त मकानों खरीदने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है. इसलिए महानगरपालिका के डिप्टी कमिश्नर संजोग काबरे ने अब मनपा के मान्यता प्राप्त श्रमिक संघों से मदद मांगी है. उन्होंने हाल ही में सभी मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियनों को चर्चा के लिए बुलाया था.
मुंबई मनपा ने अपने कर्मचारियों को पुनर्गणना दर के अनुसार, 12.60 लाख रुपए की कम कीमत पर मालिकाना हक वाले मकान की पेशकश की है. इसके अलावा, उपायुक्त संजोग काबरे और सहायक आयुक्त पृथ्वीराज चव्हाण ने अपेक्षा की कि चूंकि म्युनिसिपल बैंक 8.50 प्रतिशत की ब्याज दर पर 90 प्रतिशत ऋण उपलब्ध कराएगा, इसलिए सभी श्रमिक संघों को इन घरों को खरीदने के लिए म्युनिसिपल कर्मचारियों से अपील करनी चाहिए. कर्मचारी यह जानते हैं कि माहुल बेहद प्रदूषित क्षेत्र है. इसके अलावा, सभी श्रमिक संघ नेताओं ने शिकायत की कि इमारत में कुछ घरों के दरवाजे और खिड़कियां टूटी हुई थीं और साफ-सफाई का अभाव है. हालांकि उपायुक्त काबरे ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए का दावा किया है, माहुल गांव और आसपास का क्षेत्र प्रदूषण मुक्त हो चुका है.
हम कर्मचारियों से मकान खरीदने की अपील करेंगे!
मनपा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बाबा कदम, उपाध्यक्ष डॉ. संजय कांबले-बापरकर ने कहा कि यदि प्रशासन उक्त स्थान पर मूलभूत सेवा सुविधाएं प्रदान करता है और घरों और परिसर को रहने योग्य बनाता है, तो हम कर्मचारियों से घर खरीदने की अपील करेंगे. प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये आवास श्रमिकों को प्रदान की जाने वाली सेवा आवास व्यवस्था तथा सफाई विभाग के श्रमिकों की आवास योजनाओं में बाधा न डालें. श्रमिक यूनियनों ने यह भी मांग की कि मनपा की पूर्व की 4 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाए. इस दौरान प्रकाश देवदास, नवनाथ महरानवार, उत्तम गाडे, दिवाकर दलवी, संजीवन पवार, प्रकाश जाधव, शेषराव राठौड़, गोविंदभाई परमार आदि ने चर्चा में भाग लिया.
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