मुंबई. मुंबई में नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुंबई पुलिस के लिए सार्वजनिक सेवा और पेशेवर आचरण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है. यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन कर्मयोगी का हिस्सा है, जिसका मकसद पुलिस को लोगों की जरूरतों के हिसाब से और कुशल बनाना है. ग्रेटर मुंबई पुलिस और इमार्टिकस लर्निंग का लक्ष्य अगले 11 महीनों में 40,000 पुलिस कर्मियों को कुशल बनाना है, जिसकी शुरुआत 500 चुने हुए मास्टर प्रशिक्षकों से होगी. यह कार्यक्रम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में शुरू किया गया.
महाराष्ट्र सरकार ने अक्टूबर 2023 में मिशन कर्मयोगी पहल के तहत मुंबई के पुलिस कमिश्नर के कर्मचारियों और दूसरे पुलिस अधिकारियों के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने की आधिकारिक स्वीकृति दी थी. भारत सरकार का मिशन कर्मयोगी सरकारी कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने और उन्हें नए कौशल सिखाने के लिए है. इस पहल के तहत, डिजिटल ट्रेनिंग और योग्यता-आधारित मानव संसाधन प्रबंधन के माध्यम से कर्मचारियों को भविष्य के लिए सक्षम बनाया जाएगा.
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पुलिसकर्मियों को लोगों की शिकायतों को बेहतर ढंग से हल करने, उनके साथ अच्छा व्यवहार करने और पेशेवर पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए तैयार करना है. इसके लिए सबसे पहले मुंबई के लोगों और पुलिसकर्मियों से बातचीत की जाएगी ताकि कमियों को समझा जा सके. फिर 500 मास्टर ट्रेनर्स के लिए 5 दिन का ‘ट्रेन द ट्रेनर’ सेशन होगा. इसके बाद 40,000 पुलिसकर्मियों को 2 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. कार्यक्रम के अंत में इसके असर को जांचा जाएगा ताकि भविष्य में और सुधार किए जा सकें.
पुलिसिंग को पेशेवर बनाना लक्ष्य
इमार्टिकस लर्निंग के संस्थापक और सीईओ निखिल बारशीकर ने कहा, “हमें मिशन कर्मयोगी का हिस्सा बनकर गर्व है, जो नागरिक-केंद्रित शासन के दृष्टिकोण के अनुरूप है. हम व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जो पुलिस कर्मियों को नागरिक संपर्क बढ़ाने और तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में उन्हें सक्षम बनाएगा. नागरिकों और समुदायों को सेवा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करके, यह हस्तक्षेप एक अधिक सहानुभूतिपूर्ण और समुदाय-संचालित कानून प्रवर्तन प्रणाली बनाने की दिशा में एक कदम है. इससे पुलिसिंग न सिर्फ पेशेवर बनेगी, बल्कि लोगों का पुलिस पर भरोसा भी बढ़ेगा और पुलिस को तनाव तथा संघर्षों का असरदार तरीके से सामना करने में मदद मिलेगी.