मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दृढ़ विश्वास
- वाढवण बंदरगाह और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होंगे ‘गेम चेंजर’
- आधारभूत सुविधाओं के विकास से बनेगी तीसरी और चौथी मुंबई
- बुलेट ट्रेन से 2028 तक सफर संभव
मुंबई. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को विश्वास जताया कि महाराष्ट्र विकास के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करेगा. होटल फोर सीजन में आयोजित “इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर समिट 2025” को संबोधित करते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर आधारभूत सुविधाओं के विकास कार्य जारी हैं, जिनमें सड़कें, रेलवे, बुलेट ट्रेन, जलमार्ग के साथ बंदरगाह और हवाई अड्डों का विकास शामिल है. इस समग्र विकास ‘इकोसिस्टम’ के चलते राज्य में भारी मात्रा में निवेश आ रहा है.
सम्मेलन में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और 2028 तक इसमें यात्रा करना संभव होगा. वाढवण बंदरगाह के पास बुलेट ट्रेन का एक स्टेशन विकसित किया जाएगा. मुंबई में बड़े पैमाने पर आधारभूत सुविधाओं के कार्य प्रगति पर हैं, जिनमें तटीय सड़क (कोस्टल रोड), अटल सेतु और विभिन्न मेट्रो मार्ग प्रमुख उदाहरण हैं. इन सभी विकास कार्यों के चलते मुंबई में 50 अरब डॉलर तक का निवेश आकर्षित होने की संभावना है. - पालघर नवी मुंबई बनेंगे गेम चेंजर
पालघर जिले का वाढवण बंदरगाह और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ‘गेम चेंजर’ परियोजनाएं साबित होंगी. इसके साथ ही पुणे में प्रस्तावित नया हवाई अड्डा, शिरडी और नागपुर हवाई अड्डों का विकास, नदी जोड़ परियोजना और बुलेट ट्रेन परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
व्यापक हो रहे विकास कार्य
सीएम फडणवीस ने कहा कि तटीय सड़क को विरार तक बढ़ाया जा रहा है. वाढवण बंदरगाह वर्तमान में मौजूद जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से तीन गुना बड़ा होगा. इस बंदरगाह को एक नियंत्रित मार्ग (कंट्रोल्ड-एक्सेस हाइवे) के माध्यम से नासिक से जोड़कर आगे समृद्धि महामार्ग से जोड़ा जाएगा. वाढवण बंदरगाह के पास एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी प्रस्तावित है. इसके अलावा इस क्षेत्र में ‘चौथी मुंबई’ का भी निर्माण किया जाएगा.
मराठवाड़ा होगा सूखा मुक्त
कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ के पानी तथा पश्चिम घाट से समुद्र में बहने वाले पानी को उजनी बांध और मराठवाड़ा क्षेत्र में मोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. इससे भविष्य में मराठवाड़ा को सूखा मुक्त बनाया जाएगा. समृद्धि महामार्ग के बाद राज्य में नागपुर से गोवा तक ‘शक्तिपीठ महामार्ग’ विकसित किया जाएगा. महाराष्ट्र सदैव भविष्य के लिए ‘रेडी’ रहने वाला राज्य है, ऐसा मुख्यमंत्री ने कहा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (कारोबार करने में आसानी) के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है ताकि निवेशकों को सुविधाएं मिलें और निवेश गति पकड़े. वर्ष 2029 तक महाराष्ट्र ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में देश में पहला स्थान प्राप्त करेगा. निवेशकों की सहायता के लिए ‘मैत्री पोर्टल’ विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ लागू किया गया है. इस प्रणाली से उद्योगों की स्थापना में आसानी हो रही है.
तेज हुई माल ढुलाई
परिवहन सुविधाओं के विकास के चलते राज्य में मालवाहतूक (कार्गो) तेजी से हो रही है. वर्तमान में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से नागपुर तक आठ घंटे में पहुंचा जा सकता है और वाढवण बंदरगाह के निर्माण से इसमें और भी तेजी आएगी. नागपुर में एक कार्गो हब विकसित किया जा चुका है और पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी एक कार्गो हब विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और अटल सेतु की वजह से ‘तीसरी मुंबई’ का विकास होगा. इस क्षेत्र में एक नई ‘एज्यु-सिटी’ (शैक्षणिक नगरी) भी बनाई जा रही है, जहां विश्वभर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय अपने परिसर स्थापित करेंगे. इसके अलावा ‘हेल्थ सिटी’ और ‘इनोवेशन सिटी’ का भी निर्माण हो रहा है.
सौर ऊर्जा से कृषि में क्रांति
महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा उत्पादन भी हो रहा है. कृषि क्षेत्र में 16,000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन पूरी तरह से सौर ऊर्जा के माध्यम से किया जाएगा. वर्तमान में राज्य की सौर ऊर्जा क्षमता 21% है, जिसे 2030 तक 52% तक बढ़ाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि सौर कृषि वाहिनी योजना के तहत 3000 ट्रांसफॉर्मर सौर ऊर्जा पर चलाए जा रहे हैं. सार्वजनिक परिवहन और यातायात सेवाओं में भी बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की भारी मांग है और इन्हें सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में भी शामिल किया जा रहा है. इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में महाराष्ट्र को देश की राजधानी कहा जा सकता है, ऐसा भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा.