१ मई १९६० को महाराष्ट्र के गठन के बाद पूरे राज्य ने पांच दिन भव्य उत्सव मनाया था। ६५ साल बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पार्टी एनसीपी ने महाराष्ट्र दिन के उपलक्ष्य में उसी तर्ज पर 4 दिवसीय भव्य उत्सव का आयोजन किया है. “संगम कला का… सम्मान संस्कृति का…” की थीम के साथ मनाए जा रहे इस महोत्सव के दौरान उन महापुरुषों के कार्यों का सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने महाराष्ट्र की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया
बुधवार को महाराष्ट्र के इतिहास पर आधारित एक वीडियो से शुरू हुई पत्रकार परिषद में एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने बताया कि महोत्सव स्थल पर महाराष्ट्र के समग्र इतिहास को दर्शाने वाली, ‘गर्जा महाराष्ट्र’, ‘विचारसूत्र’, ‘महाराष्ट्रधर्म’, ‘महाराष्ट्र रत्न’, और ‘मुख्यमंत्री दालन’ ऐसी पांच दालानें होंगी. इस दौरान महाराष्ट्र की सांस्कृतिक झलक दिखाने वाली शोभायात्रा भी निकाली जाएगी तथा पांच प्रतिभाशाली महिलाओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सम्मानित किया जाएगा. पत्रकार परिषद में रूपाली चाकणकर, आनंद परांजपे, संजय तटकरे, सूरज चव्हाण, सिद्धार्थ कांबळे और मुकेश गांधी भी उपस्थित रहे.
1 से 4 मई तक चलेगा कार्यक्रम
संयुक्त महाराष्ट्र की 65 वर्ष की गौरवशाली परंपरा और संस्कृति का उत्सव मनाने हेतु राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा 1 से 4 मई तक मुंबई में “गौरवशाली महाराष्ट्र महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी प्रदेशाध्यक्ष और सांसद सुनील तटकरे ने पत्रकार परिषद में दी। 1 मई की शाम 6 बजे महोत्सव का उद्घाटन एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजित पवार करेंगे. इस महोत्सव में उन महापुरुषों के अनुभवोंका सम्मान किया जाएगा जिन्होंने महाराष्ट्र के निर्माण में विशेष योगदान दिया। 1 मई 1960 को महाराष्ट्र की स्थापना के समय भी पांच दिन तक भव्य आयोजन हुआ था। अब 65 वर्षों बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पूरे राज्य में ऐसा ही उत्सव आयोजित कर रही है.
संयुक्त महाराष्ट्र के लिए शहादत देने वाले 106 शहीदों को ऐतिहासिक हुतात्मा चौक पर श्रद्धांजलि देने के साथ यह कार्यक्रम शुरू होगा. इस चार दिवसीय उत्सव में महाराष्ट्र के इतिहास, परंपरा और संस्कृति को नई पीढ़ी के सामने लाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे.
स्थल पर पाँच विशेष दालनें लगाई जाएंगी:
• “गर्जा महाराष्ट्र” दालन: संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन का चित्रमय इतिहास।
• “विचारसूत्र” दालन: महाराष्ट्र के विचारकों की विचारधारा।
• “महाराष्ट्रधर्म” दालन: संतों और महात्माओं की शिक्षाएं।
• “महाराष्ट्र रत्न” दालन: राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार प्राप्त प्रतिष्ठित व्यक्तित्व।
• “मुख्यमंत्री दालन”: राज्य के सभी मुख्यमंत्रियों का योगदान
ऐसा होगा चार दिवसीय कार्यक्रम का स्वरूप
१ मई को छह ‘महाराष्ट्र गौरव कलश रथ’, जो राज्य के विभिन्न भागों की पवित्र मिट्टी और जल लाएंगे, मुंबई में पहुंचेंगे. शाम ५:३० बजे उनकी शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसका समापन महोत्सव स्थल पर होगा. इस अवसर पर प्रफुल पटेल, छगन भुजबळ, दिलीप वळसे पाटील सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे. सम्मानित होने वाले प्रमुख नाम: पद्मविभूषण जावेद अख्तर, साहित्यकार सदानंद मोरे, पत्रकार मधुकर भावे. इसके बाद नंदेश उमप की गौरव गीतों की प्रस्तुति होगी.
२ मई को “फोल्क आख्यान” नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. उसी दिन पांच महिलाओं का सम्मान होगा:
• पद्मश्री अनुराधा पौडवाल (गायिका)
• राही सरनोबत (अर्जुन पुरस्कार विजेता)
• ललिता बाबर (अर्जुन पुरस्कार विजेता)
• अभिलाषा म्हात्रे-पाटील (कबड्डी खिलाड़ी)
• सोनाली कुलकर्णी (अभिनेत्री)
• राही भिडे (पत्रकार)
3 मई को पूर्व मुख्यमंत्रियों का सम्मान होगा:
देवेंद्र फडणवीस, नारायण राणे, सुशीलकुमार शिंदे, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, एकनाथ शिंदे, शरद पवार और उद्धव ठाकरे. इसके बाद गायक अवधूत गुप्ते की संगीतमयी संध्या होगी.
4 मई को RJ रोहित और जुईली राऊत के गीतों के कार्यक्रम से महोत्सव का समापन होगा.
अंत में, पवित्र जल और मिट्टी को गिरगांव चौपाटी पर विसर्जित किया जाएगा। यह विसर्जन अजित पवार, प्रफुल पटेल और सुनील तटकरे द्वारा किया जाएगा. इस महोत्सव का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराष्ट्र की अस्मिता, परंपरा और गौरव से जोड़ना है. गौरव रथ की यात्रा कोल्हापुर के ऐतिहासिक पन्हाळगड से शुरू हुई थी, और मुंबई में सभी कलशों का उत्साह से स्वागत किया जाएगा.