मुंबई. महाराष्ट्र की प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा से तीसरी भाषा के रूप हिंदी पढ़ाने का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे), और कांग्रेस सहित कुछ अन्य संगठन एवं मराठी भाषिक बुद्धिजीवी वर्ग से जुड़े लोग पुरजोर विरोध कर रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि त्रिभाषा सूत्र के संदर्भ में साहित्यकारों, भाषा विशेषज्ञों, राजनीतिक नेताओं और अन्य सभी संबंधितों से चर्चा करने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आधिकारिक निवास ‘वर्षा पर त्रिभाषा सूत्र के संदर्भ में सोमवार की रात आयोजित बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि सभी राज्यों की स्थिति सबके सामने रखी जाए और नई शैक्षणिक नीति के तहत मराठी विद्यार्थियों को अकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के अंतर्गत किसी प्रकार का नुकसान न हो, इसके लिए सभी संभावित विकल्पों पर सभी के लिए एक समग्र प्रस्तुति दी जाए. बैठक में यह भी तय किया गया कि मराठी भाषा के विद्वान, साहित्यकार, राजनीतिक नेता और अन्य संबंधितों के सामने इस प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण किया जाए और सलाह-मशवरे की प्रक्रिया चलाई जाए.
शिक्षा मंत्री शुरू करेंगे सलाह मशवरे की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह सलाह-मशवरा पूरा होने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा. इसलिए अब स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे इस सलाह-मशवरे की प्रक्रिया शुरू करेंगे. बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे, राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर, मुख्यमंत्री के सचिव श्रीकर परदेशी, उपमुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव असीमकुमार गुप्ता, उपमुख्यमंत्री के प्रधान सचिव नवीन सोना, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव रंजीतसिंह देओल, शिक्षा आयुक्त सचिंद्र प्रतापसिंह और महाराष्ट्र राज्य शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद के संचालक राहुल रेखावर उपस्थित थे.