मुंबई. भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. न सिर्फ उनकी फसल, बल्कि उनके खेतों की मिट्टी भी बरसाती बाढ़ में बह गई. राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद के लिए पैकेज तो घोषित किया है लेकिन कांग्रेस, पैकेज के नाम पर किसानों से छल करने का आरोप लगाते हुए सरकार की आलोचना कर रही है. किसानों को फर्जी पैकेज देकर काली दिवाली मनाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सोमवार से महायुति सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है.
कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने शनिवार को कहा कि इस साल राज्य में अन्नदाता किसानों पर बड़ा संकट आ पड़ा है. किसान बर्बाद हो गए हैं और उन्हें एक बड़े पैकेज के साथ-साथ कर्जमाफी की भी जरूरत है लेकिन सरकार द्वारा घोषित पैकेज ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है. हैरानी की बात ये है कि घोषित पैकेज की रकम भी किसानों को अभी तक नहीं मिली है. नतीजतन अन्न दाता किसानों पर काली दिवाली मनाने की नौबत आन पड़ी है. किसानों की इस दुर्दशा के लिए किसान विरोधी महायुति सरकार ही जिम्मेदार है.
पूरे राज्य में होगा प्रदर्शन
सावंत ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी सोमवार (20 अक्टूबर) को राज्य भर के किसानों के साथ मिलकर भाजपा महायुति सरकार की निंदा करने के लिए विरोध प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के 30 जिलों के 350 तालुकाओं में भारी बारिश से सब कुछ बर्बाद हो गया है. लाखों एकड़ खेती बर्बाद हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने फसलों के नुकसान के लिए 50,000 रुपए प्रति हेक्टेयर तथा बंजर हो गए खेतों के लिए 5 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की मदद के साथ-साथ पूर्ण कर्ज़ माफ़ी की मांग की थी, लेकिन भाजपा महागठबंधन सरकार ने पुरानी योजनाओं को समेटकर 32,000 करोड़ रुपए का पैकेज बता दिया. असल में यह पैकेज सरकार का छलावा है. दिवाली से पहले किसानों को मदद देने का वादा पूरा करने में विफल रही है और कांग्रेस पार्टी सरकार के विरोध में किसानों के साथ आटे की रोटी का विरोध प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन सभी ज़िलों, तालुकाओं और गांवों में किया जाएगा.
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