मुंबई. एटीएम से बार बार पैसे निकालने वालों को अब बड़ा झटका लग सकता है. इस सुविधा के बहुत ज्यादा उपभोग के लिए उन्हें ज्यादा शुल्क चुकना पड़ सकता है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आरबीआई जल्द ही एटीएम इंटरचेंज शुल्क बढ़ा सकता है. जिसके बाद एटीएम से 5 मुफ्त व्यवहार से ज्यादा लेनदेन या एटीएम का उपयोग करनेवाले ग्राहकों से बैंक ज्यादा शुल्क वसूलेंगे.
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ग्राहकों को एटीएम से पैसे निकालने के लिए अपनी जेब से अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने 5 मुफ्त लेनदेन सीमा समाप्त होने के बाद अधिकतम नकद लेनदेन शुल्क को वर्तमान 21 रुपए प्रति लेनदेन से बढ़ाकर 22 रुपए करने की सिफारिश की है. इसके साथ ही भुगतान नियामक एनपीसीआई ने उद्योग के साथ परामर्श के बाद नकद लेनदेन के लिए एटीएम विनिमय शुल्क 17 रुपए से बढ़ाकर 19 रुपए करने की सिफारिश की है. गैर-नकद लेनदेन के लिए शुल्क 6 रुपए से बढ़ाकर 7 रुपए करने की सिफारिश की गई है.
क्या होता है एटीएम इंटरचेंज शुल्क?
एटीएम इंटरचेंज (विनिमय) शुल्क वह शुल्क है, जो एक बैंक एटीएम सेवाओं का उपयोग करने के लिए दूसरे बैंक को देता है. यह शुल्क आमतौर पर लेन-देन का एक प्रतिशत होता है और अक्सर ग्राहक के बिल में जोड़ा जाता है. इस बीच, बैंक और व्हाइट-लेबल एटीएम संचालक मेट्रो और गैर-मेट्रो क्षेत्रों के लिए शुल्क बढ़ाने की एनपीसीआई की योजना से सहमत हैं. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक और एनपीसीआई ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.