मुंबई. शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्रि एवं हिंदू नववर्ष रविवार (30 मार्च 2025) से शुरू हो रहा है. गुड़ी पाड़वा से राम नवमी तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के दौरान मुंबई में खुले में बिकने वाले मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता, प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद संजय निरुपम ने की है. निरुपम का दावा है कि अकेले अंधेरी में 250 से अधिक शावरमा (एक पदार्थ का मांसाहारी खाद्य पदार्थ) विक्रेता हैं. नवरात्रि हिंदुओं की आस्था से जुड़ा विषय है और मुंबई में फुटपाथों व बाजारों में खुलेआम बिकने वाले शावरमा, कबाब जैसे चिकन और मटन से बने खाद्य पदार्थ हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं. इसलिए खुले में होने वाली मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, ऐसा निरुपम ने कहा. निरुपम ने अपनी इस मांग को लेकर पुलिस में ज्ञापन देने की बात शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में निरुपम ने व्यंग्यात्मक गीतों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उप मुख्यमंत्री शिंदे का उपहास उड़ानेवाले विवादित स्टैंडिंग कॉमेडियन कुणाल कामरा पर भी गंभीर आरोप लगाए. निरुप ने कहा कि डीसीएम शिंदे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने और उनके उपहास के बदले कामरा को विदेशों से 4 करोड़ रुपए मिले हैं. इसे एक अंतरराष्ट्रीय साजिश बताते हुए निरुपम ने दावा किया है कि कामरा को दान देने वालों में अमेरिका की फोर्ड फाउंडेशन भी शामिल है, जिस पर देश विरोधी संगठनों को फंडिंग करने का आरोप है.
विदेशों से मिला पैसा
मुंबई में आयोजित एक पत्रकार परिषद में निरुपम ने कहा कि कामरा अपने यूट्यूब पर प्रसारित किए गए शो में भारत, सर्वोच्च न्यायालय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और शिवसेना जैसे प्रमुख राजनीतिक दल के नेता एकनाथ शिंदे की बदनामी करते रहे हैं. इस शो के लिए कामरा को विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग प्राप्त होती है. अब तक कामरा को कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, मध्य पूर्व के सऊदी अरब और कतर जैसे देशों से 4 करोड़ से अधिक की विदेशी निधि मिली है. निरुपम ने विशेष तौर पर ध्यान आकर्षित करते हुए याद दिलाया कि कामरा को पैसा देने वालों में एक विशेष समुदाय के दानदाताओं की संख्या अधिक है. उन्होंने संदेह जताया कि इन दानदाताओं के लिए मौलानाओं द्वारा फतवा जारी किया गया था.
कनाडा से मिली निधि की जांच हो
निरुपम ने कहा कि कामरा ने ‘हम होंगे कंगाल’ नामक व्यंग्यात्मक गीत के माध्यम से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि धूमिल करने का प्रयास किया है. कनाडा में भारत विरोधी संगठन सक्रिय हैं. इसलिए वहां से कामरा को मिली निधि की जांच होनी चाहिए. निरुपम ने आगे कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफसीआरए) की धारा 3 के तहत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार, पत्रकार, कॉलमनिस्ट, कार्टूनिस्ट, संपादक, मीडिया ब्रॉडकास्ट कंपनियां, यूट्यूबर्स आदि को विदेशी निधि स्वीकार करने पर प्रतिबंध है. इसलिए कामरा ने विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन किया है. इसके चलते कामरा पर देशद्रोह का भी मामला दर्ज होना चाहिए, ऐसा निरुपम ने कहा. व्यंग्यात्मक गीत बनाने के बाद कामरा तमिलनाडु में छिप गया है, लेकिन उसे पुलिस कार्रवाई का सामना करना ही पड़ेगा. कानून से कोई नहीं बच सकता, ऐसा चेतावनी देते हुए निरुपम ने कहा कि कामरा के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना उबाठा का हाथ है और यह बात उबाठा के सांसद संजय राऊत की स्वीकारोक्ति से स्पष्ट हो गई है.
कामरा ने किया सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास
निरुपम ने आगे कहा कि कुणाल कामरा को कौन-कौन सी एजेंसियों से पैसा मिल रहा है, इसकी भी जांच की जानी चाहिए. इसमें एंटी इंडियन ग्रुप और एंटी नेशनल ग्रुप से कामरा को पैसा मिलने की बात सामने आई है. शिवसेना के प्रमुख नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बदनामी कर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कामरा ने किया है. निरुपम ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं की बदनामी करने का अधिकार किसी को भी नहीं है. कामरा के शो की निर्माता शेट्टी नामक महिला हैं और उनकी संस्था को फोर्ड फाउंडेशन ने आर्थिक मदद दी है. फोर्ड फाउंडेशन, जॉर्ज सोरोस की संस्था है, जो विभिन्न देशों की सरकारों को अस्थिर करने का कार्य करती है. इस संस्था के खिलाफ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कार्रवाई करने वाले हैं.