मुंबई. बीजेपी ने राजनीति को नीति हीन बनाकर उसके स्तर को गिरा दिया है. किसी पर भी आरोप लगा कर उसे बदनाम करो, गिरफ्तारी का डर दिखाओ और बाद में जब वह बीजेपी में आने को तैयार हो जाए, तो आरोप वापस लो. बाद में ऐसा दिखाया जाता मानो बीजेपी में आने वाले भ्रष्टाचारियों ने गंगा स्नान कर लिया हो. भाजपा की नैतिकता इतनी गिर चुकी है. ऐसे कठोर शब्दों में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) पार्टी के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर बुधवार को हमला बोला.
विधान परिषद में विपक्ष के नेता और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के विधायक अंबादास दानवे का कार्यकाल 15 अगस्त को समाप्त हो रहा है. मानसून सत्र के समापन से पहले उनका विदाई समारोह बुधवार को विधान परिषद हॉल में आयोजित किया गया. समारोह में फडणवीस ने उद्धव को मजाकिया लहजे में महायुति में आने का ऑफर दिया. बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उद्धव ने सत्तारूढ़ बीजेपी और खासकर यूपी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना पर जमकर निशाना साधा.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने अपने रास्ते का रोड़ा बन रहे हमारे नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए, जिसकी वजह से हमारे 15–20 महत्वपूर्ण लोग पाला बदलने को मजबूर हो गए. अब उन्हीं पर से आरोप हटाकर भाजपा ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर रही है. यह महाराष्ट्र का दुर्भाग्य है कि भाजपा की नैतिकता खत्म हो रही है. भाजपा का राजनीति का स्तर बहुत नीचे चला गया है.
दाऊद भी बन सकता है भाजपाई!
उन्होंने कहा कि पहले गंभीर आरोप लगाकर प्रताड़ित करना फिर आरोप मुक्त कर गंगा स्नान कराकर भाजपा में प्रवेश कराना, यह गंभीर और शर्मनाक है. कल को अगर दाऊद भी भाजपा में आना चाहे, तो वे उसके देशद्रोह के आरोप भी हटा देंगे. पहले सलिम कुत्ता, इकबाल मिर्ची से जुड़े लोगों पर आरोप लगाए, फिर जब वे भाजपा में गए तो उनके आरोप धो दिए. नवाब मलिक पर भी यही हुआ. इन घटनाओं से साफ है कि भाजपा को भ्रष्टाचार-मुक्त महाराष्ट्र नहीं चाहिए, बल्कि आरोप-मुक्त पार्टी चाहिए. उन्होंने राज्य में चल रहे गुंडाराज और अन्य घटनाओं पर भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया.
फडणवीस पर पलटवार
फडणवीस के ऑफर के बारे में पूछे जाने पर उद्धव ठाकरे ने हंसते हुए कहा कि यह मामला विपक्ष की बेंच का नहीं, बल्कि एक गंभीर परिस्थिति का है, शायद उन्हें यह उन्हें पता नहीं. सीएम फडणवीस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अंबादास दानवे से यह बात कही कि आप जोर देकर कहें कि मैं वापस आऊंगा, क्योंकि वापस आना किसी एक की बपौती नहीं. उन्होंने कहा कि अनिल परब, हम खुद आए. सदन में आना-जाना लगा रहता है, इसमें कुछ नया नहीं.
शिंदे पर तीखा तंज
उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए कहा कि मैं सोने का चम्मच लेकर पैदा हुआ, यह मेरे पिता और दादा की मेहनत का नतीजा है। शुरू में हालात कैसे थे, सबको पता है। लेकिन जिन्हें हमने सोने के चम्मच से खिलाया, उन्होंने उसी थाली में छेद कर दिया, यह जनता नहीं भूलेगी। जिन लोगों ने उस थाली में छेद किया है। वह उनके स्वार्थ के लिए किया और जनता उन्हें अच्छी तरह पहचानती है।