मुंबई. मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने उत्तन-विरार सागरी मार्ग (यूवीएसएल) का सुधारित और आर्थिक दृष्टि से किफायती खाका मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समक्ष प्रस्तुत किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने प्रस्तावित उत्तन-विरार मार्ग को वाढवण बंदरगाह और समृद्धि महामार्ग (एक्सप्रेसवे) से जोड़ने के निर्देश दिए. यह सागरी मार्ग परियोजना मुंबई को महत्वाकांक्षी वाढवण बंदरगाह परियोजना से जोड़ने वाली एक अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी सिद्ध होगी.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधान भवन स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में आयोजित बैठक में इस परियोजना की समीक्षा की. बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, बृहन्मुंबई महानगरपालिका आयुक्त भूषण गगरानी, एमएमआरडीए महानगर आयुक्त डॉ. संजय मुखर्जी, अतिरिक्त महानगर आयुक्त अश्विन मुद्गल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इस दौरान डॉ. मुखर्जी ने परियोजना की प्रस्तुति दी. उन्होंने कहा कि यह परियोजना विरार कनेक्टर के माध्यम से वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ी होगी, जिससे उत्तर उपनगरों से पश्चिमी समुद्री तट तक माल और यात्री परिवहन और अधिक तीव्र व प्रभावी हो जाएगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह परियोजना केवल आर्थिक अवसर ही नहीं बनाएगी, बल्कि भारत की बंदरगाह आधारित विकास की दृष्टि को भी मजबूती देगी.
छह विकल्पों में से किफायती विकल्प को मिली स्वीकृति
विस्तृत तकनीकी व अभियांत्रिकी मूल्यांकन के बाद एमएमआरडीए ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के साथ 87,427 करोड़ रुपए से 52,652 करोड़ रुपए तक के खर्च वाले छह विकल्पों की प्रस्तुति बैठक में दी. इनमें से आर्थिक रूप से सबसे व्यवहार्य, कार्यक्षम और पर्यावरणीय दृष्टि से उपयुक्त 52,652 करोड़ रुपए के विकल्प को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने स्वीकार किया. इस प्रकार परियोजना लागत को 87,427.17 करोड़ रुपए से घटाकर 52,652 करोड़ रुपए लाने में सफलता प्राप्त हुई है.
परियोजना लागत में कटौती के प्रमुख कारण :
लेन डिजाइन में उचित परिवर्तन : पहले 4+4 लेन और इमरजेंसी लेन सहित चौड़ा मार्ग प्रस्तावित था. अब इसे 3+3 लेन कर दिया गया है. कनेक्टर्स के लिए भी 3+3+इमरजेंसी लेन की बजाय केवल 2+2 लेन रखी गई हैं. इससे सिविल और स्ट्रक्चरल कार्यों में भारी बचत हुई है.
भविष्य की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर योजना : भविष्य में प्रस्तावित मार्गों और वर्तमान सड़कों के जाल को ध्यान में रखते हुए लागत का पूर्वानुमान कर बजट तैयार किया गया, जिससे अतिरिक्त खर्च टाला गया.
भूमि अधिग्रहण की लागत में कमी : डिजाइन और लेन की चौड़ाई घटाने से आवश्यक जमीन की लंबाई (‘राइट ऑफ वे’) कम हुई, जिससे भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास की लागत में काफी कमी आई.
कनेक्टर संरचना में सुधार : पहले की दो पिलर वाली संरचना की जगह अब एक पिलर आधारित डिजाइन अपनाई गई है, जिससे निर्माण कार्य सस्ता और पर्यावरण-संवेदनशील बना है.
अस्थायी खर्च, सलाहकार शुल्क और प्रारंभिक व्यय में कटौती : इन खर्चों में कटौती से कुल लागत में उल्लेखनीय कमी आई है.
परियोजना का स्वरूप :
कुल लंबाई : 55.12 किमी
मुख्य सागरी मार्ग : 24.35 किमी
कनेक्टर्स : 30.77 किमी
उत्तन कनेक्टर (9.32 किमी) – दहिसर-भायंदर लिंक रोड से जुड़ाव
वसई कनेक्टर (2.5 किमी) – पूर्णतः एलिवेटेड
विरार कनेक्टर (18.95 किमी) – वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ाव
वर्तमान में, मुख्य सागरी मार्ग के लिए 3+3 लेन का विन्यास (25.1 मीटर चौड़ा) और कनेक्टर्स के लिए 2+2 लेन का विन्यास (18.55 मीटर चौड़ा) प्रस्तावित है. यह डिजाइन अगले तीन दशकों तक यात्रियों की सुविधा और दक्षता सुनिश्चित करता है.
वित्तीय संरचना :
37,998 करोड़ रुपए (72.17%) – जैइका (JICA)/बहुपक्षीय एजेंसियों से प्रस्तावित (टोल वसूली के आधार पर पुनर्भुगतान)
14,654 करोड़ रुपए (27.83%) – महाराष्ट्र सरकार/एमएमआरडीए द्वारा इक्विटी के रूप में
मुख्यमंत्री फडणवीस ने एमएमआरडीए को निर्देश दिए हैं कि वे संशोधित अद्यतन विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और प्राथमिक परियोजना रिपोर्ट (पीपीआर) शासन को शीघ्र प्रस्तुत करें.
रणनीतिक महत्त्व :
उत्तन-विरार सी लिंक मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) की भविष्य की परिवहन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण घटक होगा, जो मुंबई के उत्तर उपनगरों से सीधे वाधवण बंदरगाह, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर और उत्तर मुंबई के उपनगरों को जोड़ने वाला है. यह परियोजना एमएमआर क्षेत्र को नई आर्थिक संभावनाएं और व्यापक कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.
परियोजना के क्रियान्वयन के लिए एक विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) का गठन किया जाए और प्रस्तावित मार्ग को आवश्यक मंजूरी की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए, ऐसे निर्देश मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस अवसर पर दिए. बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव विकास खड़गे, प्रधान सचिव अश्विनी भिडे, सचिव डॉ. श्रीकर परदेशी, नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव असीमकुमार गुप्ता, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक रामराव सहित मीरा-भायंदर और वसई-विरार महानगरपालिका आयुक्त उपस्थित थे.