संगठन बोले ,भुगतान नहीं तो काम बंद
मुंबई. बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और राकां (अजीत पवार) के गठबंधनवाली महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री माझी लाडली बहिण’ (लाडली बहन) योजना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए सिरदर्द बनती नजर आ रही है. विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर साबित हुई इस योजना के कारण राज्य सरकार की तिजोरी पूरी तरह से खाली हो गई है. ऐसा दावा अब तक कई बार किया जा चुका. हालांकि सरकार ने हर बार तमाम दावों को खारिज कर दिया था. लेकिन दी अब जानकारी सामने आई है कि लाडली के कारण सरकार के विकास कार्यों पर ब्रेक लगने लगा है. कई योजनाएं रखड़ गई हैं और अब उन पर पूरी तरह से ब्रेक लगने का खतरा मंडराने लगा है. क्योंकि ठेकेदार संगठनों ने ठेकेदारों के बकाए का जल्द से जल्द भुगतान की मांग करते हुए भुगतान न होने पर काम ठप करने की चेतावनी दे दी है.
आठवीं किस्त के जुगाड़ में जुटी सरकार
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने 26 जनवरी 2025 से पहले लाडली बहन योजना की लगभग ढाई करोड़ लाभार्थी महिलाओं को सातवीं किस्त का भुगतान किया था. जिस पर 3700 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. अब सरकार 8वीं किस्त के भुगतान के लिए जुगाड़ में लगी है लेकिन लाडली के कारण सरकारी खजाना खाली हो गया है. दूसरी कई योजनाओं के क्रियान्वयन में सरकार को परेशानी हो रही है. रिपोर्टों के अनुसार राज्य में सूक्ष्म सिंचाई सहित कई योजनाओं में धन का अभाव देखने को मिल रहा है. 52 से अधिक किसान सब्सिडी से वंचित हैं. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2023-24 के लिए 716 करोड़ रुपए की सब्सिडी रोक दी है.
ठेकेदारों ने दी काम बंद की चेतावनी
इसी दौरान अब सरकार की विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे ठेकेदारों ने सरकार को काम बंद करने की चेतावनी दी है. ठेकेदार संगठनों का दावा है कि ठेकेदारों के 89 हजार करोड़ रुपए के बिल सरकार के पास फंड के अभाव की वजह से बकाया हैं. विभिन्न विकास कार्यो के इन बकाया बिलों का भुगतान सरकार ने जुलाई 2024 से नहीं किया. क्योंकि जुलाई 2024 से ही सरकार ने लाभार्थी महिलाओं को लाडली बहन योजना के पैसे का भुगतान शुरू किया था. ऐन विधानसभा चुनाव से पहले लाई गई लाडली बहन योजना की पहली तीन किस्त के पैसों का भुगतान सरकार ने एक साथ किया था. महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार संघ (एमएससीए) ने 30 जनवरी को सरकार को दूसरा पत्र भेज कर ठेकेदारों की बकाया रकम के भुगतान की मांग की है. एमएससीए के प्रदेश अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने मीडिया से कहा कि ठेकेदारों को 8 महीने से पैसा नहीं मिला है. हमने 14 जनवरी को पत्र लिखा था लेकिन सरकार जवाब नहीं दिया. लेकिन यदि इस बार सरकार अदेखी करेगी तो 5 फरवरी से काम बंद कर सकते हैं. इस बारे में 4 फरवरी की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
खाली खजाने की मिली थी चेतावनी
विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर लाई गई ‘लाडली बहन योजना’ की बदौलत बीजेपी नीत महायुती महाराष्ट्र की सत्ता में फिर से काबिज होने में कामयाब हो गई है. लेकिन इस योजना के कारण राज्य सरकार की आय की तुलना में व्यय बढ़ गया है. नतीजतन राज्य का राजकोषीय घाटा 2 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है. राज्य सरकार की वसूली और खर्च में कोई सामंजस्य नहीं होने का दावा करते हुए भारत के नियंत्रक एवं महालेखाकार (कैग) ने हाल में कहा था कि राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने लगी है. कैग से पहले महाराष्ट्र के विपक्षी दलों एवं राज्य सरकार के वित्त विभाग ने भी कहा था कि लाडली का वित्तीय भार राज्य के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होगा. अब ठेकेदारों के संगठन की काम बंद की चेतावनी से ये साफ हो गया है कि राज्य सरकार की तिजोरी खाली हो गई है.

किस विभाग में कितना पैसा बकाया?
पीडब्ल्यूडी: 46,000 करोड़ रुपए
जल जीवन मिशन: 18,000 करोड़ रुपए
ग्रामीण विकास: 8,600 करोड़ रुपए
सिंचाई विभाग: 19,700 करोड़ रुपए
शहरी विकास: 17,000 करोड़ रुपए