मुंबई. दशहरा के उपलक्ष्य में मुंबई में उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने भी दशहरा सम्मेलन आयोजित किया था. इस दौरान गोरेगांव पूर्व स्थित नेस्को एक्जिबिशन सेंटर में डीसीएम शिंदे ने उद्धव और उनकी पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के नेताओं पर जमकर पलवार किया. शिंदे ने उद्धव को फोटोग्राफर कहकर संबोधित करते हुए शब्दों के बाण चलाए. सम्मेलन में पहले शिंदे की शिवसेना के नेता रामदास कदम ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए तो वहीं मंत्री उदय सामंत और गुलाबराव पाटिल ने भी जबरदस्त हमला बोला.
किसानों को भेजी मदद
महाराष्ट्र के कई जिलों में इन दिनों अति वृष्टि के कारण बाद जैसी अवस्था हो गई है. इससे न सिर्फ किसानों की फसल बर्बाद हुई है, बल्कि उनके खेतों की मिट्टी तक बह गई है और उनके घर कीचड़ से भर गए हैं. इसे मुद्दा बना कर उद्धव ठाकरे राज्य की महायुति सरकार पर निशाना साध रहे हैं. भारी मदद की मांग करके उद्धव खुद को किसानों का सबसे बड़ा हमदर्द साबित करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन दशहरा सम्मेलन स्थल नेस्को सेंटर से बाढ़ पीड़ितों को 15 ट्रक राहत सामग्री भेजने के बाद डीसीएम शिंदे गुरुवार को अपनी पार्टी के दशहरा सम्मेलन मंच पर पहुंचे. बाद में उन्होंने उद्धव ठाकरे की जम कर खबर ली. इस मौके पर अन्नदाता किसानों के संकट में होने की बात कहते हुए किसानों की मदद के लिए अपनी पार्टी के राज्य भर के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को अपने जिले में रह कर किसानों की मदद करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि किसानों का दुख बहुत बड़ा है, उनके पशुधन बह गए हैं, भूमि नष्ट हो गई है, घर नष्ट हो गए हैं. मैं खुद वहां गया देखकर आया हूं. इसलिए हम बालासाहेब के 20 प्रतिशत राजनीति और 80 प्रतिशत समाजसेवा के मंत्र का पालन कर रहे हैं. जहां संकट है, यह एकनाथ शिंदे, किसी के दबाव के नहीं जाएगा. उन्होंने कहा मैं एक खुद एक किसान का बेटा हूं, इसलिए मैं किसानों को उनके भाग्य पर नहीं छोड़ूंगा. बाढ़ पीड़ितों की दिवाली काली नहीं होने दूंगा. दिवाली से पहले किसानों को मदद दी जाएगी.
30 वर्षों की माया कहां गई?
डीसीएम शिंदे ने नाम लिए बगैर उद्धव पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि एकनाथ कपड़ों की क्रीच संभालने वाला और साथ में वैनिटी कैन लेकर दौरे पर जानेवाला नेता नहीं है. मैने कभी फेसबुक लाइव नहीं किया. लेकिन ये (उद्धव) कहीं भी जाते हैं तो कहते हैं कि मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है. लेकिन जब था उस समय भी कहां दिया था. देने के लिए भी देने वाला दिल जरूरी होता है लेकिन इनका लेना बैंक है, देना बैंक नहीं है. हमने बहुत सारी योजनाएं दीं, हमने दोनों हाथों से दीं, कभी नहीं कहा कि मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है. मेरे दो हाथ नहीं, बल्कि मेरे सामने बैठे इन शिव सैनिकों के हाथ भी मेरे हैं. यह मंच और ये शिवसैनिक मेरी संपत्ति है. मुझे संपत्ति की भूख नहीं है. बालासाहेब के विचार मेरी संपत्ति हैं. शिंदे ने कुछ देर पहले अपनी पार्टी के नेता रामदास कदम के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि कदम ने पूछा था, बीते 30 वर्षों में मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की लूट कर जो संपत्ति अर्जित की थी, वह माया कहां गई? लंदन में? डीसीएम शिंदे ने उद्धव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि राज्य में इनकी सरकार होती तो कुछ भी शुरू नहीं होता, यह एक स्थगित सरकार थी. मैंने मुख्यमंत्री बनकर सभी स्पीड ब्रेकर उड़ा दिए. सभी त्यौहार बंद थे, मंदिर बंद थे, मैं आया और सब कुछ हटा दिया और अब हम तेज गति से एक साथ काम कर रहे हैं.
खून का बदला खून, गोली का जबाव गोली से
डीसीएम शिंदे ने कहा यह बहुत गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे पीछे खड़े हैं. पहलगाम में पाकिस्तानियों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने का काम किया. हमारे पीएम मोदी ने उन्हें सबक सिखाया. खून का जवाब खून और गोली का बदला गोली से लिया.
इन्हें आलोचना का अधिकार नहीं
डीसीएम शिंदे ने कहा कि कांग्रेस के बड़े ने पी चिदंबरम ने अभी कहा है कि 26/11 आतंकी हमले के बाद भारत अमेरिकी दबाव की वजह से पलटवार नहीं कर पाया. यह भारतीयों के साथ किया गया देशद्रोह था. निर्दोष लोग मारे गए और आपने किसी के दबाव की वजह से जवाब नहीं दिया. मोदी दबाव के आगे नहीं झुके, मोदी ऐसा कहने वाले नहीं हैं कि हम और पाकिस्तान देख लेंगे. ऐसा कहते हुए उन्होंने प्रधान मंत्री मोदी की सराहना की और आगे उद्धव और राहुल गांधी पर हमला बोला. शिंदे ने कहा कि इन्हें अपना सम्मेलन पाकिस्तान में करना चाहिए. ये पाकिस्तान प्रेमी हैं. इन्होंने हमारी सेना के शौर्य पर सवाल खड़े किए, इसका लाभ पाकिस्तान ने उठाया. उन्हें पाकिस्तान ने सेना पर उनके संदेह का फायदा उठाया.