मुंबई. महालक्ष्मी स्थित भूला भाई देसाई रोड पर स्थापित 350 वर्ष पुरातन स्वयंभू शिव धाकलेश्वर मंदिर में चार प्रहर पूजा का आयोजन किया गया है. मंदिर के प्रबंधक दत्ता कोठावले के अनुसार, धाकलेश्वर महादेव स्वयंभू होने से इस मंदिर की बहुत महिमा है. भक्तों का मानना है कि सच्चे दिल से मांगी गई हर मनोकामना भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं. इसलिए महालक्ष्मी मंदिर में देवी दर्शन करने आया हर भक्त भगवान धाकलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए अवश्य आता है. चार प्रहर पूजा के विषय में पंडित राजेंद्र शास्त्री गौतम बताते हैं कि शिव महापुराण में शिवरात्रि के दिन इसका बहुत महत्व बताया गया है. शिव रात्रि के दिन ही माता पार्वती तथा भगवान भोलेनाथ का विवाह संपन्न हुआ था. इसलिए इस दिन चार प्रहर पूजा करने वाले को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. पहले प्रहर की पूजा से भक्त को स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है. दूसरे प्रहर की पूजा से धन समृद्धि की वृद्धि होती है. तीसरे प्रहर की पूजा से मनोकामना पूर्ण होती है तथा संतान सुख प्राप्त होता है और चौथे प्रहर की पूजा से भक्तों को मोक्ष एवं शिव जी की कृपा प्राप्त होती है. धाकलेश्वर महादेव मंदिर में शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक पूजा चलेगी. मंदिर प्रबंधन की ओर से शिव भक्तों के लिए हर सुविधा उपलब्ध है.

त्र्यंबकेश्वर मंदिर में महाभिषेक
टी जी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित शिव मंदिर त्र्यंबकेश्वर मंदिर में महाभिषेक का आयोजन किया गया है. मंदिर के पुजारी पंडित हंसराज शास्त्री बताते हैं कि जो भक्त भगवान शिव पर जलाभिषेक करता है भगवान भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. त्रयंबकेश्वर मंदिर में शिवरात्रि के दिन महाभिषेक किया जाएगा. मध्य रात्रि 12 बजे मंदिर में महा आरती होगी. शिव भक्तों के लिए मंदिर सुबह 4 बजकर 30मिनट से लेकर पूरी रात्रि खुला रहेगा.