मुंबई. बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजीत) के गठबंधन वाली महायुति सरकार में शामिल उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विधायक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से नाराज हो गए हैं. क्योंकि फडणवीस ने शिंदे के विधायकों का रुतबा घटा दिया है. यानी अब तक ‘वाई’ श्रेणी की सिक्योरिटी अर्थात लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मियों-अधिकारियों के साथ सरकारी सुरक्षा में रौब के साथ घूमने वाले डीसीएम शिंदे के विधायकों को अब सिर्फ एक पुलिसकर्मी के साथ घूमना पड़ेगा.
बता दें कि महायुति सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार से खतरा नहीं तो सुरक्षा नहीं की नीति के तहत मंत्रियों एवं विधायकों की सुरक्षा ने कटौती का आदेश दे दिया है. नए आदेश के तहत मंत्रियों को वाई प्लस की बजाय सिर्फ वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी जबकि विधायकों की सुरक्षा के लिए अब सिर्फ एक पुलिसकर्मी तैनात किया जाएगा. खास बात यह है कि नया आदेश सभी मंत्रियों-विधायकों के लिए समान रूप से लागू होगा.
इसलिए नाराज हैं शिंदे के विधायक
शिवसेना में उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई ऐतिहासिक बगावत के बाद उद्धव के शिवसैनिकों के संभावित हमले की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने शिंदे के साथ गए सभी विधायकों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी थी. बाद में बीजेपी के सहयोगी से महायुति सरकार के मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे ने भी अपने विधायकों को वाई श्रेणी की सुरक्षा बनाए रखी थी. लेकिन फडणवीस सरकार ने जिसका जीवन खतरे में नहीं, उसकी सुरक्षा कम करने का निर्णय लिया है. महायुति सरकार 2.0 के मुख्यमंत्री फडणवीस ने सोमवार (17 फरवरी) से मंत्रियों की सुरक्षा ‘वाई प्लस’ से घटा कर ‘वाई’ श्रेणी कर दी है. जबकि विधायकों की ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा हटाने का निर्णय लिया है. विधायकों के साथ केवल एक सुरक्षा गार्ड रहेगा. फडणवीस के निर्णय से लाव लश्कर के साथ घूमने वाले शिंदे के विधायकों का रुतबा फिका पड़ गया. इस वजह से शिवसेना विधायकों में फडणवीस केप्रति नाराजगी देखने को मिल रही है. सूत्रों का दावा है कि विधायक मुख्यमंत्री से इस बारे में बात करने के लिए शिंदे पर दबाव बना रहे हैं.

विभिन्न सुरक्षा श्रेणियों की संरचना का स्वरूप
‘Y’ श्रेणी सुरक्षा का तीसरा स्तर होता है. इसमें 11 लोगों की एक टीम सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें एक या दो कमांडो और एक पुलिस अधिकारी भी शामिल होते हैं. इसी तरह ‘जेड प्लस’ में 55 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. इसमें एक पुलिस अधिकारी के साथ दस से अधिक एनएसजी कमांडो शामिल होते हैं. ‘जेड’ श्रेणी सुरक्षा में 22 सुरक्षा कर्मी शामिल होते है. इसमें चार या पांच एनएसजी कमांडो और एक पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं. तो वहीं ‘एक्स’ श्रेणी में 5 या 2 सुरक्षाकर्मी होते हैं. इसमें एक सशस्त्र पुलिस अधिकारी शामिल है.