मुंबई: महाराष्ट्र के ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ को भविष्य की नीतियों के लिए मार्गदर्शक तत्वों का स्थान देने पर जोर दिया. गीता, बाइबिल, कुरान और विकास का सविंधान की तरह, विकसित महाराष्ट्र वीजन डॉक्यूमेंट 2047 की समीक्षा हेतु सह्याद्री अतिथिगृह में हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री फडणवीस ने की, जिसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मुख्य सचिव राजेश कुमार सहित कई विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं सचिव उपस्थित थे. जल, ऊर्जा, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, उद्योग और सेवा, प्रौद्योगिकी व अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों पर प्रस्तुतियों का विस्तार से मूल्यांकन किया गया.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि यह डीप थिंकिंग का प्रमाण हैं और उन्होंने संतोष व्यक्त किया. “हम सही रास्ते पर हैं. अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप तैयार हो रहा है. विज़न का मतलब दिशा होता है हमारे लक्ष्यों और दिशा का स्पष्ट होना आवश्यक है.” उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ कागजी योजना नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे वास्तविकता में उतराने के लिए पूरी क्षमता लगानी होगी. “पाँच साल तक इस विज़न पर लगातार काम किया, तो 2047 तक ‘विकसित महाराष्ट्र’ का सपना पूरा हो सकता है.”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने सहकार क्षेत्र के महत्व, प्रशासन में सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग, भारत नेट का शीघ्र विकास, और साइबर सुरक्षा में अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर भी जोर दिया. उन्होंने विश्वास जताया कि यह वीजन डॉक्यूमेंट देश के सर्वश्रेष्ठ में से एक होगा, और शिक्षा संस्थानों व विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए विशेष ध्यान देने का आह्वान किया.
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि इस विजन में यह दिखता है कि महाराष्ट्र 22 साल बाद कैसा होना चाहिए? यह एक ऐसा रोडमैप है, जो भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर दिशा निर्धारित करता है. बड़े सपने तभी सच होते हैं जब जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार दोनों पर बराबर हो। विज़न में जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने की शक्ति है और समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना इसका मुख्य उद्देश्य है.
बैठक में यह विश्वास दोहराया गया कि ‘विकसित महाराष्ट्र विज़न 2047’ सिर्फ कागज पर नहीं, वास्तविकता में लागू होकर राज्य के विकास को तेज करेगा. मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के निर्देशन में तैयार इस विज़न डॉक्यूमेंट से आने वाले दो दशकों में महाराष्ट्र की आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक प्रगति सुनिश्चित होगी.
बैठक में जलसंपदा, ऊर्जा, उच्च व तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा, कौशल विकास, सामाजिक न्याय, उद्योग, सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, स्वास्थ्य एवं पर्यटन आदि सेक्टरों के लिए वीजन प्रस्तुत किए गए.
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