सनातन धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. सभी देवी देवताओं में प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित इस तिथि से शुरू होने वाला 10 दिवसीय गणेशोत्सव पर्व वैसे तो मुंबई, महाराष्ट्र सहित देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन महाराष्ट्र में खासकर मुंबई में गणेशोत्सव की अलग ही धूम देखने को मिलती है. इसलिए गणेशोत्सव को मुंबई और महाराष्ट्र का महापर्व भी कहा जाता है.
इस बार गणेशोत्सव बुधवार (27 अगस्त 2025) से शुरू हो रहा है. इस दिन अत्यंत शुभ फलदायी सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग भी रहेगा.
गणेश चतुर्थी का धार्मिक महत्व भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. रिद्धि सिद्धि के स्वामी भगवान गणेश को प्रथम देव माना जाता है और किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले उनकी पूजा करने का विधान है. लंबोदर भगवान गणेश को समृद्धि और बुद्धि का देवता माना जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन भक्त बप्पा की प्रतिमा को घर में स्थापित कर उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं.
भगवान गणेश की चौकी से जुड़े वास्तु टिप्स
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करने के लिए लकड़ी से बनी चौकी घर लानी चाहिए. गणेश जी की चौकी घर के उत्तर-पूर्व कोने (ईशान कोण) में रखनी चाहिए और इस दिशा में रखी चौकी पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए. चौकी के आसपास के स्थान को फूल, केले के पत्ते आदि से सजाना चाहिए.
मुख्य द्वार से जुड़ी वास्तु नियम
गणेश चतुर्थी के दौरान घर के मुख्य द्वार को भी सजाना बेहद शुभ माना जाता है. मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का बंदनवार लगाना चाहिए और स्वास्तिक का चिह्न भी बना सकते हैं. मुख्य द्वार के पास रंगोली बनाना भी शुभ माना जाता है. गणेश चतुर्थी के मौके पर घर को सजाते समय रंगों का इस्तेमाल भी बेहद सावधानी से करना चाहिए. लाल, गुलाबी, पीले और हरे रंगों का उपयोग करना चाहिए. इन रंगों का इस्तेमाल करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पूजा में वास्तु के नियमों का पालन करने से सुख-समृद्धि और जीवन की विघ्न बाधाएं दूर होती हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर को सजाने और पूजा करने से घर में सकारात्मकता और समृद्धि आती है.
गणेश स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 पंचांग के अनुसार, एकदंत भगवान गणेश का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था. इसलिए गणेश स्थापना के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ माना जाता है.
गणेश चतुर्थी स्थापना मुहूर्त 2025
दिनांक: 27 अगस्त 2025 (बुधवार)
समय: सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक
कुल अवधि: लगभग 2 घंटे 35 मिनट
ऐसे पूजन हर विघ्न हरेंगे बाप्पा
गणेश चतुर्थी के दिन घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है और 10 दिनों तक उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है. गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और घर के मंदिर को अच्छे से साफ करें. एक चौकी पर लाल या पीले या वस्त्र बिछा लें. अब गणेश जी को चौकी पर स्थापित करें. इस दौरान मूर्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है. इसके बाद व्रत / पूजन का संकल्प लेकर दूर्वा, गंगाजल, हल्दी, चंदन, गुलाब, सिंदूर, मौली, जनेऊ, फल, फूल, माला, अक्षत और मोदक भगवान गणेश को अर्पित करें. गणेश जी की आरती के साथ मां पार्वती, शिवजी और सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें. गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं और फिर से भगवान की विधिवत आरती करें.
गणेश चतुर्थी पूजन की जरूरी सामग्री
गणेश जी की मूर्ति, कुमकुम, दूर्वा, अक्षत, लाल वस्त्र, मौली, रोली, लौंग, इलायची, सुपारी, पान, पंचमेवा, सिंदूर, जनेऊ जोड़ा, गाय का घी, शक्कर, फल, गंगा जल, फूल माला, गुलाब जल, इत्र, धूप बत्ती, सिक्का, नारियल, शहद, दही, गुलाल, अष्टगंध, हल्दी, गाय का दूध, मोदक, गुड़, कलश, धूप-दीपक समेत सभी पूजा सामग्री एकत्रित कर लें.
इन बातों का रखें ध्यान
-गणेश स्थापना से पहले बप्पा की मूर्ति को लाल या पीले रंग के साफ कपड़े से ढककर रखें.
-भगवान जी की स्थापना करने के बाद ही इन कपड़ों को हटाएं।
-मंदिर में कलश जरूर रखें.
-गणेशजी की मूर्ति स्थापना के बाद सात्विक भोजन का सेवन ना करें.
-गणेश उत्सव के 10 दिनों तक मांस-मदिरा का सेवन वर्जित माना गया है.
