मुंबई. 26/11 मुंबई आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकी कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभानेवाले सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में राज्य सभा सदस्य नियुक्त किया है. तो वहीं मंत्री आशीष शेलार के प्रयासों से छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किले यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किए गए. इन उपलब्धियों के लिए एडवोकेट निकम और मंत्री शेलार बीजेपी उत्तर मध्य मुंबई जिला की ओर से सांताक्रुज में सत्कार किया गया. इस मौके पर नवनिर्वाचित सांसद निकम ने कहा कि चुनाव हारने के बाद भी मैं हताश नहीं हुआ था, लेकिन अपने राज्य सभा सदस्य बनने पर हैरानी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा भी होगा यह मुझे पता नहीं था.
उज्ज्वल निकम ने कहा कि हम मुंबई महानगर पालिका चुनाव जीतना चाहते हैं. लेकिन कार्यकर्ताओं को सावधान रहना चाहिए. हमें उन लोगों से सावधान रहना चाहिए जो झूठी बातें और फेक नैरेटिव फैलाते हैं. जैसा कि फिलहाल भाषा के नाम झूठी बातें फैलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि हम लोकसभा के दौरान ऐसी ही फेक नैरेटिव का शिकार हो गए थे. इसलिए हमें ज्यादा सावधान रहना होगा. कार्यक्रम में विधायक पराग अलवणी, संजय उपाध्याय, जिला अध्यक्ष वीरेंद्र म्हात्रे, सुषम सावंत, महेश पारकर, दीनानाथ तिवारी और जिले के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
मुझे सदमा लगा था
निकम ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों के दौरान मुझे देशद्रोही घोषित कर दिया. यह मेरे लिए एक सदमा था. मैं देश के खिलाफ कभी सोच भी नहीं सकता. मुझे उस रात नींद नहीं आई. मैं अदालत जाकर उनके खिलाफ लड़ता, लेकिन मैंने इससे परहेज किया क्योंकि इससे आरोप लगाने वालों को और प्रसिद्धि मिलती. इसलिए, भाजपा कार्यकर्ताओं को ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए, ऐसी अपील निकम ने की.

बीजेपी और शरद पवार में अंतर है
मंत्री शेलार ने कहा कि जब राज्यसभा भेजने का समय आया, तो शरद पवार की पार्टी ने उस समय मुंबईकरों के लिए लड़ने वाले वकील को नहीं भेजा. आपने एक ऐसे वकील को राज्यसभा भेजा जो मुंबई बम विस्फोट के आरोपी याकूब और देशविरोधी मामलों के अन्य आरोपियों के लिए लड़ रहा था. अंतर यह है कि भाजपा ने उज्ज्वल निकम को भेजा, जो मुंबईकरों के वकील हैं और जिन्होंने याकूब और कसाब के लिए मौत की सजा की लड़ाई लड़ी. इसी तरह उद्धव ठाकरे की पार्टी यूबीटी ने मूसा के साथ चुनाव प्रचार किया, जिसने बम विस्फोट में सजा काटी थी. जबकि कांग्रेस के विधायक याकूब को फांसी से बचाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रहे थे और कांग्रेस ने उन्हें मंत्री बनाने का काम किया. वह उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल के सदस्य थे. इसलिए, भाजपा और अन्य दलों में अंतर है.
