मुंबई. इंग्लैंड में क्रिकेट के 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला के आखिरी मैच में टीम इंडिया ने मेजबान टीम को 6 रन से हरा दिया. ओवल मैदान पर खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में सोमवार को को आखिरी दिन अविश्वसनीय जीत हासिल करके टीम इंडिया ने श्रृंखला जितने के इंग्लैंड के मंसूबे पर पानी फेर दिया.
पांचवे टेस्ट मैच के अंतिम दिन इंग्लैंड के पास जीत हासिल करने के लिए पूरा दिन बचा था. उसके 4 विकेट शेष बचे थे जबकि भारत के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए सिर्फ 35 रनों की जरूरत थी. जबकि भारत को जीतने के लिए चार विकेट की जरूरत थी. ऐसी मुश्किल घड़ी में मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने भारत को 6 रन से रोमांचक जीत दिलाई, जिससे भारत ने पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला 2-2 से बराबर कर ली.
नई गेंद नहीं लेने की रणनीति
इस श्रृंखला में इंग्लैंड को 2/0 से पहले ही बढ़त मिल गई थी. आखिरी मैच भी उसकी मुट्ठी में था. आखिरी दिन इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 35 रन चाहिए थे. लेकिन भारत ने जेमी स्मिथ को आउट करके इंग्लैंड पर शिकंजा कस दिया. और यही इंग्लैंड की हार तथा टीम इंडिया की जीत का आधार बना. इसके बाद दबाव में आए इंग्लैंड के बल्लेबाज उबर नहीं पाए. पहले दिन सिराज और कृष्णा को पुरानी गेंद पर भी अच्छी स्विंग मिल रही थी. इसलिए टीम इंडिया ने नई गेंद उपलब्ध होने के बाद भी गति न खोने के इरादे से नई गेंद नहीं लेने की रणनीति अपनाई. यह रणनीति कारगर सिद्ध हुई और इंग्लैंड के दबदबे के बाद भी भारत जीत गया.
सिराज बना मैच का हीरो
चौथे दिन सिराज सीमा रेखा के पास ब्रुक का शानदार कैच पकड़ा लेकिन लापरवाही वश वह सीमा रेखा के पार पहुंच गए. सिराज की गलती कारण मिले जीवनदान का लाभ उठाते हुए ब्रुक ने शानदार शतक बनाया. इससे सिराज चिंतित तो हुए लेकिन हताश नहीं हुए. चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद उन्होंने अपने मोबाइल पर ‘बिलीव’ का एक वालपेपर लगा दिया. अगले दिन (सोमवार को) उन्होंने ठीक उसी आत्मविश्वास का प्रदर्शन मैदान पर किया. सिराज ने 5 टेस्ट मैच की इस सीरीज में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए. इस मैच के आखिरी दिन सोमवार को सिराज ने बचे हुए 4 विकेट में से 3 खुद झटके और टीम इंडिया की 6 रनों से जीत पक्की की. सिराज ने ही गस एटकिंसन को क्लीन बोल्ड कर इंग्लैंड का आखिरी विकेट गिराया और इस तरह पारी में 5 शिकार पूरे किए. सिराज ने पहली पारी में भी 4 विकेट लिए थे. इस तरह ओवल टेस्ट में उन्होंने इंग्लैंड को कुल 9 झटके दिए.

भारतीयों की हुई प्रशंसा
इस श्रृंखला से पहले विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट से सेवानिवृत्त हो गए और पांच मैचों की श्रृंखला में केवल 3 मैच खेलने के बाद जसप्रित बुमराह भी चोटिल होकर बाहर निकल गए. टीम इंडिया की युवा ब्रिगेड मैदान पर थी. ऐसे में दिग्गजों की अनुपस्थिति में युवा भारतीय टीम मैच जीत कर श्रृंखला बचा पाएगी? यह सवाल उठ रहा था. लेकिन, इस टीम ने दिखाया कि यदि आपको खुद पर विश्वास है तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं. कैप्टन गिल की अगुआई में युवा ब्रिगेड ने अंत तक हार नहीं मानी. युवा टीम ने एक अभूतपूर्व लड़ाई लड़ी और सभी को गलत साबित किया.
याद आए कॉलिन काउड्रे
इंग्लैंड के 9 बल्लेबाज आउट होकर पैवेलियन लौट गए थे. नतीजतन मैच जीतने के लिए घायल होने के बाद भी क्रिस वोक्स को मैदान पर आना पड़ा. घायल वोक्स, एटकिंस का देने के लिए मैदान पर पहुंचे तो सभी ने ताली बजा कर उनके जज्बे की सराहना की. इसी के साथ इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज कॉलिन काउड्रे की यादें ताजा हो गई. 1963 में इसी रात चोटिल होने के बाद भी काउड्रे ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अकेले बल्लेबाजी की और मैच ड्रॉ कर दिया था.