मुंबई. मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग को लेकर मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल द्वारा मुंबई में आजाद मैदान पर शुरू किया गया अनशन सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहेगा. रविवार को मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे को चौथे दिन अनशन जारी रखने की अनुमति दे दी. लेकिन आशंका जताई जा रही है कि मराठों के इस आंदोलन के कारण सोमवार से मुंबईकरों के साथ-साथ सरकार को भी कड़ी चुनौतियों से दो-चार होना पड़ सकता है.
बता दें कि तीन दिनों से अन्न त्याग के कारण मनोज जरांगे का स्वास्थ्य पहले ही खराब होने लगा है. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए सोमवार से पानी भी नहीं पीने का ऐलान कर दिया है. मनोज जरांगे ने इसके साथ- साथ को ये चेतावनी भी दे दी है कि जैसे जैसे आंदोलन लंबा खिंचेगा, मुंबई में मराठा आंदोलनकारियों की संख्या भी बढ़ने लगेगी. इसकी वजह से मुंबई एमएमआर की सड़कों पर 100 – 200 किलोमीटर तक लंबा जाम लग सकता है. जबकि मुंबई में पहले से मौजूद हजारों मराठा आंदोलनकारियों के कारण पहले ही खासकर दक्षिण मुंबई में हालात बिगड़ने लगे हैं. मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटीम) रेलवे स्टेशन एवं आजाद मैदान के आसपास की सड़कें आंदोलनकारियों से पट गई हैं.
ये है चिंता की बात
शुक्रवार को मनोज जरांगे के आंदोलन का पहला दिन था. इसलिए बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मुंबई पहुंच नहीं पाए थे. इसके बाद भी ऑफिस या अन्य नौकरी पेशा लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था. शनिवार और रविवार को कई कार्यालयों में अवकाश होने की वजह से मुंबईकरों पर आंदोलन का बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिला. लेकिन सोमवार से दक्षिण मुंबई की ओर आनेवाले कामकाजी लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.

स्कूल-कॉलेज भी खुलेंगे
मुंबई में गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में स्कूलों – कॉलेजों में 5 दिन की छुट्टी दी गई थी. जो कि रविवार को समाप्त हो गई है. ऐसे में छात्र छात्राओं को खासतौर पर परेशानी हो सकती है.
निरंकुश हो रहे आंदोलनकारी
बॉम्बे हाइकोर्ट ने मनोज जरांगे को मुंबई के आजाद मैदान पर अनशन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने एक दिन के अनशन की अनुमति दे दी. अब मनोज जरांगे मांग पूरी होने तक अनशन जारी रखने की जिद पर अड गए हैं और आजाद मैदान में जरांगे को अनशन आंदोलन जारी रखने की अनुमति देना, पुलिस प्रशासन की मजबूरी बन गई है. दूसरी तरफ मुंबई में मौजूद आंदोलकारी सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगा रहे हैं. खुद मनोज जरांगे कह चुके हैं कि सरकार ने पीने की पानी, शौचालय, मैदान पर पर्याप्त रोशनी, चिकित्सा, मराठा आंदोलनकारियों के ठहरने, उनके वाहनों की पार्किंग आदि का उचित प्रबंध नहीं किया है. इस वजह से कई बार आंदोलनकारियों एवं पुलिस प्रशासन के बीच टकराव की स्थित निर्माण हो चुकी हैं. लेकिन रविवार को आंदोलनकारियों ने मनोज जरांगे का स्वास्थ्य का हाल जानने आईं एनसीपी शरदचंद्र पवार पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले की कार को रोक लिया. उनका घेराव किया. उनके खिलाफ नारेबाजी की. उनकी तरफ बोतल फेंकने की भी बात कही जा रही है. अभिनेत्री सुमोना चक्रवर्ती ने भी आंदोलकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसी तरह एक महिला पत्रकार से भी बदसलूकी का मामला सामने आया है. ये कुछ ऐसी घटनाएं रविवार को घटित हुईं, जिनकी वजह से जल्द ही मामला नहीं सुलझने पर हालात बिगड़ने की आशंका बढ़ गई है. मनोज जरांगे के जल त्याग करने पर आक्रोशित आंदोलनकारी निरंकुश हो सकते हैं.