शिवप्रकाश, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन -भाजपा
ऑपरेशन सिंदूर के बाद मिशन “पाक बेनकाब” के लिए इंडोनेशिया गए संजय झा के नेतृत्व वाले डेलीगेशन में सम्मिलित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि “कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना मोदी सरकार का सही कदम था. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रगति एवं आर्थिक समृद्धि आई है.” 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय ऐतिहासिक, साहसिक, देश की एकात्मता को पुष्ट करने वाला एवं कश्मीर के विकास में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है.
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, कश्मीर महर्षि कश्यप एवं माता सती की भूमि है. सम्राट अशोक एवं कुषाण वंश के शासन काल में कश्मीर की भूमि पर बौद्ध धर्म का प्रभाव रहा है. सम्राट ललितादित्य के शासनकाल में कश्मीर का विस्तार हुआ एवं संस्कृत भाषा को भी सम्मान मिला. श्रीनगर के पास स्थित श्री शंकराचार्य मंदिर आज भी जगद्गुरु शंकराचार्य जी की दिग्विजय का स्मरण कराता है.
गया. तभी से अनुच्छेद 370 को हटाना भारतीय जनसंघ तत्पश्चात भारतीय जनता पार्टी का घोषित लक्ष्य रहा था. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में 5 अगस्त 2019 को उसे पूरा किया.
अनुच्छेद 370 हटने के उपरांत सामाजिक एवं आर्थिक न्याय को समर्पित केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के कारण कश्मीरी लोगों को भी इसका लाभ मिलने लगा, जो अभी तक इससे वंचित थे. अब सभी भारतीय नागरिक कश्मीर में भूमि का क्रय कर सकते हैं. इसके कारण 500 संपत्तियों की रजिस्ट्री एवं 3.5 हजार करोड़ का रियल एस्टेट में निवेश कश्मीर को प्राप्त हुआ. कश्मीर से बाहर कश्मीरी लड़कियों के विवाह करने पर पैतृक संपत्ति से वंचित होने के नियम से मुक्ति, महिला सशक्तिकरण की दिशा में निर्णायक कदम है. पाक से विस्थापित 1.5 लाख परिवार जिसमें वाल्मीकि, अनुसूचित जाति, जनजाति शरणार्थी अधिक हैं, उनको भी नागरिक अधिकार प्राप्त हो गए हैं. 35 लाख लोगों को निवास प्रमाणपत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) मिलें हैं. शिक्षण संबंधी कानून लागू होने के कारण 10 लाख से अधिक बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्राप्त हुई है. गरीब एवं अनुसूचित जाति, जनजाति को आरक्षण की सुविधा भी प्राप्त हुई है. पिछड़े वर्ग में नई जातियों का समावेश एवं कोटे में वृद्धि पिछड़े वर्ग के उत्थान में निर्णायक कदम सिद्ध हो रहा है. औद्योगिक विकास के कारण 56,000 करोड़ का निवेश जिसके कारण लगभग 80,000 लोगों को रोजगार की उपलब्धि हुई है. 1200 से अधिक स्टार्टअप भी अब विकास एवं रोजगार की गाथा लिख रहे हैं. कारीगरों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प उत्पाद अब नए- नए क्षेत्रों में बाजार प्राप्त कर रहा है. 370 की समाप्ति के बाद 10,000 किलोमीटर सड़कों का सुधार एवं निर्माण कार्य हुआ है. जोजिला एवं चेनानी नाशरी सुरंगों द्वारा मार्ग की दूरी कम हुई है. जम्मू से श्रीनगर फोरलेन हाईवे विकास की गाथा लिख रहे हैं. पीएम मोदी ने चिनाब नदी पर चिर प्रतीक्षित जिस पुल का उद्घाटन किया वह इंजीनियरिंग का चमत्कार एवं दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है. चिनाब पुल नदी तल से 359 मीटर ऊपर है, जो पेरिस के आईफेल टॉवर से भी ऊंचा है, जिसकी प्रशंसा स्वयं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की. आयुष्मान योजना में 13 लाख से अधिक लोगों ने अपना उपचार कराया है. अब कश्मीर में फॉर्मूला कार रेसिंग भी हो रही है. जम्मू-कश्मीर का पल्ली भारत का पहला “कार्बन न्यूट्रल पंचायत” है.
370 हटने के बाद कश्मीर में आई शांति के कारण पर्यटन में भारी वृद्धि हुई है. आंकड़ों के अनुसार, 2019 के बाद 50% की वृद्धि पर्यटकों की संख्या में भी हुई है. संपूर्ण प्रदेश में यह संख्या लगभग ढ़ाई करोड़ है. आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस के कारण आतंकी घटनाओं में भी निरंतर गिरावट आई है. देश के गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बताया कि आतंकवादी घटनाओं में 92% की कमी आई है. आतंकियों की नई भर्ती में भी निरंतर गिरावट आ रही है. मां वैष्णो देवी एवं अमरनाथ तीर्थ यात्रियों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है. 370 हटने के बाद हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में 65% मतदान कश्मीर की खुशहाली का ही गवाह है. जिसमें 32,000 चुने हुए प्रतिनिधि अपनी ग्राम पंचायतों के विकास की गाथा लिख रहे हैं. जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित मां शारदा मंदिर में दीपावली एवं सरस्वती पूजन का आयोजन संपन्न हुआ, जहां बीते 70 वर्षों से पूजा ही नहीं हुई थी. गृहमंत्री शाह ने 23 मार्च 2023 को इसे खुलवाया था. खीर भवानी मंदिर में भी विधिवत पूजा प्रारंभ हुई है.
जम्मू- कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक स्थान लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज लहराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को कन्याकुमारी से श्रीनगर तक “भारत एकता यात्रा” का आयोजन करना पड़ा था. यह संकल्प पुलिस सुरक्षा में 26 जनवरी 1992 को तिरंगा फहराकर पूर्ण हुआ था. डॉ. जोशी के साथ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संकल्प की पूर्ति में उनके महत्वपूर्ण सहयोगी थे. उसी लाल चौक में 370 समाप्ति के बाद तिरंगा शान से लहरा रहा है. केवल लाल चौक ही नहीं कश्मीरी अपने घरो में भी तिरंगा फहराकर राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक उत्सवों को शान के साथ मना रहे हैं. श्रीकृष्ण जन्म स्मृति में आयोजित हिंदू धार्मिक उत्सव श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी उसी लाल चौक में हर्षोल्लास से मनाया गया है. धारा 370 की समाप्ति का परिणाम हुआ कि जम्मू कश्मीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “विरासत से विकास” की गाथा को लिख रहा हैं. पाक अधिकृत कश्मीर के नागरिक कश्मीर की विकास यात्रा से प्रभावित होकर भारत के साथ जुड़ने को आतुर हैं. पहलगाम जैसी आतंकी घटनाएं विकास की इस यात्रा को रोकने का ही कुत्सित प्रयास है. भारतीय समाज सभी प्रकार के षड्यंत्रों को उत्तर देते हुए भारतीय एकता और अखंडता का भाव लेकर पुनः गौरव के साथ खड़ा होगा. 11 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ऐसे ही प्रयास प्रत्येक भारतीय में यह भाव जगाने में सफल हुए हैं.
- शिवप्रकाश, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन -भाजपा
