मुंबई. कारगिल युद्ध के दौरान द्रास सेक्टर स्थित युद्ध क्षेत्र में दिखाए गए भारतीय सेना के शौर्य की जानकारी भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सरहद संस्था एक ‘लेजर शो’ का निर्माण कर रही है. इस शो के लिए महाराष्ट्र की ओर से 3 करोड़ रुपए देने का आश्वासन उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गत वर्ष तब किया था, जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे. डीसीएम शिंदे ने रविवार को कारगिल विजय समारोह में भाग लेने के दौरान अपना वादा निभाया. उन्होंने भारतीय सेना कोर के लेफ्टिनेंट कमांडर हितेश भल्ला को तीन करोड़ की निधि का चेक सौंपा.
कारगिल युद्ध की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय सेना, सरहद संस्था, पुणे और अरहम फाउंडेशन संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘सरहद शौर्यथॉन-2025’ प्रतियोगिता का उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने ध्वजारोहण करके रविवार को उद्घाटन किया. इस अवसर पर भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी, सरहद संस्था के संजय नाहर और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हराकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की थी. यह शौर्यथॉन प्रतियोगिता भारतीय सेना की वीरता, साहस और बलिदान को सलाम करने के लिए आयोजित की गई थी.
3000 धावक हुए शामिल
‘सरहद शौर्यथॉन-2025’ मैराथन प्रतियोगिता समुद्र तल से 10,800 फीट की ऊंचाई पर आयोजित की गई थी. इस प्रतियोगिता में देशभर से तीन हजार धावकों ने हिस्सा लिया था. इनमें से पहली, 21.097 किलोमीटर की सबसे चुनौतीपूर्ण दौड़ को ‘ऑपरेशन विजय दौड़’ नाम दिया गया था. 10 किलोमीटर की दूसरी दौड़ को ‘टोलोलिंग रेस’ के नाम से जाना गया. तीसरी दौड़ को 5 किलोमीटर की ‘टाइगर हिल रेस’ के नाम से जाना गया. तो वहीं चौथी और अंतिम दौड़ को 3 किलोमीटर की ‘फ्यूचर हीरोज रेस’ के नाम से दिया गया था. इन सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया. इस प्रतियोगिता के बारे में बोलते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य सभी प्रतिभागियों के मन में देशभक्ति की भावना पैदा करना और कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की शहादत को याद करना है. उन्होंने इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए सीमा संगठन को धन्यवाद भी दिया. उद्घाटन समारोह के बाद उपमुख्यमंत्री ने कारगिल में ‘ऑपरेशन विजय’ में शहीद हुए सैनिकों के स्मारक स्थल का दौरा किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कारगिल युद्ध संग्रहालय का भी दौरा किया और उसका निरीक्षण किया.

