मुंबई. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि कुछ समाज विरोधी तत्व सोशल मीडिया पर जातीय द्वेष निर्माण करने वाली सामग्री साझा करके दंगा भड़काने की कोशिश करते हैं. ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. ऐसे अपराधों पर रोक लगाने के लिए अब महाराष्ट्र के पास दुनिया की सर्वोत्तम प्रणाली और तकनीक उपलब्ध है. ऐसे लोगों को खोज निकालने और उन पर तत्काल कार्रवाई के लिए ‘गरुड़ दृष्टि’ टूल्स अहम भूमिका निभा रहे हैं.
नागपुर पुलिस विभाग की ओर से पुलिस भवन में ‘गरुड़ दृष्टि’ सोशल मीडिया मॉनिटरिंग व साइबर इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट पर प्रस्तुति और विभिन्न साइबर आर्थिक अपराधों की जांच से प्राप्त कुल 10 करोड़ रुपए की राशि के वितरण समारोह में उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग अपने विचार व्यक्त करने के ठीक है, लेकिन कुछ समाज विरोधी प्रवृत्तियां नफरत फैलाने, धमकी देने, हेट स्पीच, फेक न्यूज और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए इन प्लेटफार्म का उपयोग करती हैं. इनमें आर्थिक धोखाधड़ी वाले प्लेटफार्म अधिकतर विदेशी ऑपरेटर चलाते हैं, इसलिए सभी को सावधान रहना चाहिए. लोगों को ये समझना चाहिए कि मोबाइल पर आने वाले किसी भी प्रकार के ऑफर्स आर्थिक धोखाधड़ी के लिए बिछाया गया जाल हो सकते हैं. यदि किसी को लगे कि उसके साथ आर्थिक धोखाधड़ी हुई है तो जल्द से जल्द 1930 और 1945 इन नंबरों पर संपर्क करें. ऐसा आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए ‘गरुड़ दृष्टि’ प्रणाली विकसित की गई है. इस प्रणाली के माध्यम से इन प्लेटफार्म पर हो रही आपराधिक गतिविधियों को खोज निकालना और उनका पीछा करना संभव होगा. भविष्य में इस टूल्स का विस्तार और क्षमता वृद्धि की जाएगी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने साइबर ठगी के शिकार हुए उन लोगों का अभिनंदन किया जिनको रविवार को उनके पैसे वापस लौटाए गए, इस मौके पर पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंगल ने प्रास्ताविक भाषण किया. उपायुक्त लोहित मतानी ने कार्यक्रम से पहले गरुड़ दृष्टि पर प्रस्तुति दी. सह-पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया.
खुशनसीबों को मिला उनका ‘डुबा हुआ’ पैसा!
रोहित अग्रवाल 73 लाख रुपए, शशिकांत नारायण परांडे 34 लाख 77 हजार 724, देविदास पारखी 35 लाख 15 हजार 842, विजय प्रकाश पाठक 19 लाख 90 हजार 354, विजय मेनघाणी 19 लाख रुपए, देवेंद्र खराटे 12 लाख 81 हजार, राजमनी अजय जोशी 29 लाख 95 हजार, राहुल चावड़ा 15 लाख, बुद्धपाल बागड़े 10 लाख, आदित्य गोयंका 26 लाख 20 हजार 556, संगीता आष्टणकर 8 लाख 24 हजार रुपए. (सभी नाम प्रतीकात्मक)
गरुड़ दृष्टि की विशेषताएं और उपलब्धियां
▪ सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: गरुड़ दृष्टि शुरू होने से अब तक सोशल मीडिया पर 30,000 पोस्ट की जांच की गई है,
▪ आपत्तिजनक सामग्री पर कार्रवाई: इनमें से 650 आपत्तिजनक पोस्ट की पहचान कर उन्हें संबंधित प्लेटफार्म से हटवाया गया है.
▪ कानून और व्यवस्था नियंत्रण: सोशल मीडिया से फैलने वाली अफवाहें, नफरत भरी सामग्री, विवादास्पद पोस्ट से होने वाले तनाव और कानून-व्यवस्था की समस्याओं को रोकने के लिए इस टूल का प्रभावी उपयोग हुआ है.
▪ कम लागत की स्थानीय नवकल्पना: साइबर हैक 2025 प्रतियोगिता से उभरे इस टूल को बहुत कम लागत में विकसित किया गया है और इसके बौद्धिक संपदा अधिकार (इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स) नागपुर पुलिस के पास हैं.
▪ बहुपयोगी क्षमता: गरुड़ दृष्टि न केवल अपराध रोकथाम में, बल्कि सोशल मीडिया पर ट्रेंड्स का विश्लेषण, संदिग्ध खातों की पहचान और तत्काल कार्रवाई में भी उपयोगी है.
