हर विभाग में शुरू होगी प्रयोगशाला
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और मशीनरी के लिए देगी अधिक धन
मुंबई. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मंगलवार को कहा कि दूध और इसी तरह के खाद्य पदार्थों में मिलावट एक बड़ी गंभीर समस्या बन गई है. इससे लोगों की जान के लिए खतरा निर्माण होने लगा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दूध और इसी तरह के खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ मकोका के तहत सख्त कार्रवाई करने के लिए मौजूदा कानून में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे. उन्होंने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश करने का निर्देश मंत्रिमंडल को दिया.
राज्य में कई स्थानों पर एनालॉग पनीर के नाम से बेचे जा रहे एनालॉग चीज और सोलापुर जिले के पंढरपुर तालुका के भोस इलाके में दूध में मिलावट के बारे में विधानसभा में चर्चा के दौरान दिए गए आश्वासन के अनुसार, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में मंगलवार को विधान भवन के समिति कक्ष में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि झिरवल, राज्य मंत्री योगीश कदम, विधायक सुधीर मुनगंटीवार, विधायक विक्रम पाचपुते, विधायक अभिजीत पाटिल, विधायक कैलाश पाटिल के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, गृह और वित्त एवं योजना विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. जबकि सोलापुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली के माध्यम से उपस्थित थे.
दें एनालॉग चीज युक्त पनीर की जानकारी
डीसीएम अजीत ने कहा कि मिलावट की जांच के लिए हर विभाग में तुरंत एक प्रयोगशाला शुरू की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि दूध में मिलावट के बारे में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए.
एनालॉग चीज़ युक्त एनालॉग पनीर की जानकारी देने के लिए दुकान के सामने वाले हिस्से में सूचना बोर्ड लगाए जाने चाहिए. उन्होंने सोलापुर के जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को सोलापुर दूध में मिलावट मामले में उन्होंने कहा कि आरोपी चाहे कोई भी हों, वे चाहे किसी भी पार्टी के हों और कितने भी बड़े हों, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें तथा उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करें.

शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने निर्देश दिया कि मिलावट के बारे में शिकायत दर्ज करने के लिए जनता के लिए एक टोल-फ्री नंबर ठीक से चालू किया जाना चाहिए, एक पोर्टल विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने आश्वासन दिया कि दूध में मिलावट को रोकने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और मशीनरी की खरीद के लिए पूरक मांगों के लिए खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग को और धन प्रदान किया जाएगा. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग में श्रमशक्ति की कमी को दूर करने के लिए डेयरी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाओं को नियुक्त और प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.