मुंबई. नकली पनीर या पनीर के समान पदार्थ का उपयोग करने वालों के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि झिरवल ने चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यापारी पनीर जैसे नकली उत्पाद बेचते पाया गया तो उसके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे.
मंत्री झिरवल ने कहा कि पनीर एक पसंदीदा खाद्य पदार्थ है और बाजार में इसकी भारी मांग है. पनीर विशेष रूप से छोटे बच्चों के बीच लोकप्रिय है. हालांकि, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच में पाया गया है कि कुछ स्थानों पर नकली पनीर या ‘पनीर एनालॉग’ का उपयोग करके उपभोक्ताओं को धोखा दिया जा रहा है. इस तरह से उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले पनीर विक्रेताओं के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के साथ-साथ 2011 और 2022 के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.
एफडीए को दिए होटलों पर नजर रखने के निर्देश
मंत्री झिरवल ने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. भोजन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. यदि यह पाया गया कि रेस्तरां, होटल और फास्ट फूड संचालक ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं. खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अपने क्षेत्राधिकार में पनीर एनालॉग वितरकों के क्रय एवं विक्रय बिलों की जांच करने का निर्देश दिया है. साथ ही, कम से कम 10 प्रतिष्ठानों का गहन निरीक्षण करने, खाद्य पदार्थों के नमूने लेने तथा होटल, रेस्टोरेंट, फास्ट फूड विक्रेताओं और कैटरर्स के खरीद बिलों में पनीर के स्थान पर एनालॉग का उपयोग कर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करने की बात पाए जाने पर खाद्य पदार्थ जब्त करने और जब्त करने की कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों के लाइसेंस खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, नियम एवं विनियम 2011 तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य व्यवसाय लाइसेंसिंग एवं पंजीकरण) विनियम 2011 के प्रावधानों के अनुसार तत्काल निलंबित कर दिए जाएंगे.
देनी होगी अनालॉग पनीर की जानकारी
मंत्री झिरवल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक (लेबलिंग एवं प्रदर्शन विनियम) नियम, 2020 के अनुसार, उपभोक्ताओं को बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों के सभी अवयवों एवं पोषण मूल्यों के बारे में जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य है. रेस्तरां, होटल, कैटरर्स और फास्ट फूड विक्रेताओं के लिए अपने मेनू कार्ड, डिस्प्ले बोर्ड और ऑर्डर मशीनों पर सटीक जानकारी देना अनिवार्य है. खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 18 (2)(ई) के अनुसार, उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों के अवयवों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य है. इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम 2020 के अध्याय 3 के विनियम 9(6) के अनुसार, खाद्य व्यवसाय संचालकों को खाद्य पदार्थ बेचते समय पोषण संबंधी जानकारी और उसके अवयवों की जानकारी के साथ-साथ स्वास्थ्य संदेश भी प्रदर्शित करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि संभागीय संयुक्त आयुक्त (खाद्य) और छह आयुक्तों (खाद्य) को अपने क्षेत्राधिकार में होटल एसोसिएशनों के साथ कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए ताकि उन्हें कानून के प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जा सके और यदि वे पनीर के स्थान पर पनीर के समान पदार्थों का उपयोग कर रहे हैं तो मेनू कार्ड में इसका उल्लेख करने की आवश्यकता के बारे में बताया जा सके. इसके साथ ही उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए. उपभोक्ता के स्वास्थ्य से समझौता करने वाली किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा खाद्य व्यवसायों को नियमों का पालन करना होगा तथा उपभोक्ताओं को सटीक जानकारी उपलब्ध करानी होगी.