मुंबई. चुनाव में अतीत वोट चोरी के मुद्दे महाराष्ट्र के विपक्षी दल लगातार आक्रामक भूमिका अपना रहे हैं. मंगलवार को विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना उद्धव बालासाहेब पार्टी (यूबीटी) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राऊत, अनिल देसाई, एनसीपी के वरिष्ठ नेता शरद पवार, जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, शशिकांत शिंदे, अनिल देशमुख, कांग्रेस के बालासाहेब थोरात, वर्षा गायकवाड़ सहित मनसे के बाला नांदगांवकर, संदीप देशपांडे आदि के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकालिंगम से मुलाकात की और मतदाता सूची व अन्य प्रक्रियाओं में गंभीर त्रुटियों पर आपत्ति जताई.
राज ठाकरे ने मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी, नामों के दोहराव और पिता की उम्र बच्चों की उम्र से कम दिखाने जैसे मुद्दों पर सीधे सवाल उठाए. उन्होंने आयोग से साफ कहा, “जब तक मतदाता सूची में सुधार नहीं हो जाता, तब तक चुनाव न कराएं.” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि 18 साल पूरे कर चुके युवाओं को वोट देने का अधिकार क्यों नहीं मिलता? और मतदाता पंजीकरण अचानक क्यों रोक दिया गया. राज ठाकरे ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा, “क्या आप चुनाव के लिए तैयार हैं?” इस दौरान उन्होंने वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल की भी पुरजोर मांग की. उद्धव ठाकरे ने मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी संदेह व्यक्त करते हुए कहा, “हमें नहीं पता कि कौन वोट दे रहा है.” चूँकि इस बैठक में उपस्थित सभी नेताओं ने गंभीर मुद्दे उठाए, इसलिए बुधवार को एक बार फिर से बैठक करने का निर्णय लिया गया, जिसमें विपक्ष के नेता और चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे. ज़ाहिर है कि इस बैठक में मतदाता सूचियों में व्याप्त गड़बड़ी और चुनाव आयोग की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा होगी.