मुंबई. विले पार्ले-पूर्व के टाउन प्लान क्रमांक 5 अंतर्गत अंतिम भूखंड़ क्रमांक 187 पर सतत की जा रही अवैध कार्रवाइयों के खिलाफ नागरिकों ने शनिवार को क्षेत्र के विधायक पराग अलावनी के नेतृत्व में मनपा के पश्चिम विभाग कार्यालय पर मोर्चा निकाला. विधायक अलावणी ने कहा कि उक्त भूखंड़ पर विकास कार्य कर रहे सातेरी बिल्डर के इशारे पर बार-बार की जानेवाली अवैध कार्रवाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग स्थानीय जनता लंबे समय से कर रही है. लेकिन मनपा की ओर से अब कोई कार्रवाई नहीं की गई है. नतीजतन स्थानीय निवासियों ने के-ईस्ट विभाग कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
बीजेपी विधायक अलावणी ने बताया कि मनपा के स्वामित्ववाले उक्त प्लॉट पर विकासक ने कब्जा कर लिया है. जबकि मनपा ने अभी तक इस पर अनुमति या अनापत्ति नहीं दी है. विकासक ने इस जगह पर पुरुष और महिला बाउंसर तैनात कर रखे हैं और उनके जरिए विकासक का विरोध करनेवाले निवासियों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा हैं. विकासक ने पूरे प्लॉट को लोहे के पतरों से घेर दिया है. इस वजह से निवासियों को मिलनेवाली स्वच्छ हवा और प्रकाश अवरुद्ध हो गया है. इससे निवासियों को काफी परेशानी हो रही है. विकासक ने उस भूखंड पर एक कार्यालय स्थापित कर लिया है और वहां से पूरे भूखंड पर नियंत्रणचला रहा है.
100 झोपड़ा धारकों को गलत तरीके से निकाला बाहर
विधायक अलावणी ने बताया कि विकासक ने अवैध रूप से भूखंड का बंटवारा करके अपना बहुमत साबित कर लिया और करीब 100 झोपड़ी धारकों को योजना से बाहर कर दिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें योजना में शामिल करने के लिए आदेश जारी किया है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार पूरक परिशिष्ट-II तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन इस प्रारूप को चार साल बीतने के बाद भी अंतिम रूप नहीं दिया जा रहा है. क्योंकि इससे पहले झुग्गीवासियों की अनुसूची-2 तैयार करने के दौरान लगभग 100 झुग्गीवासियों को छोड़ दिया था और आधे से ज्यादा फर्जी एवं अपात्र लोगों को अनुसूची-2 के प्रारूप में शामिल कर लिया था. अब यदि फर्जी ढंग से योजना में पहले घुसाए गए लोगों को अपात्र घोषित किया जाता है तो बहुमत खोने का डर विकासक को सता रहा है.
एलओआई रद्द करने की मांग
विधायक अलावणी के अनुसार, एलओआई जारी करने से पहले अंतिम परिशिष्ट II घोषित करना अनिवार्य होता है. इसके साथ-साथ भूमि स्वामी के स्वामी के रूप में मनपा की अनापत्ति भी जरूरी होती है. लेकिन इन शर्तों को शिथिल करके एलओआई हासिल करने के बाद अब विकासक उसी तरह से नियमों को शिथिल करके सीसी भी हासिल करने की कोशिश कर रहा है. जबकि पहले जारी की गई एलओआई ही अवैध है. उसे रद्द करने की मांग स्थानीय रहिवासियों ने की है. डेवलपर निवासियों को प्रतिदिन प्रताड़ित कर रहा है. जबकि भूमि की मालिक मनपा जनता की कार्रवाई की मांग की अनदेखी कर रही है. इसलिए अब लोग आँदोलन करने को मजबूर हो गए हैं. विधायक पराग अलवानी ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा.
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