मुंबई. पुणे में ज्योतिषाचार्यों का एक राष्ट्रव्यापी सम्मेलन चल रहा है. इसमें आए ज्योतिषाचार्यों ने देश और महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी कुछ दिलचस्प भविष्यवाणियां की. ज्योतिषाचार्यों ने खासकर देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर जो दावा किया है, उससे राज्य की राजनीति में खलबली मच गई है.
पुणे में आयोजित 43वें अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन ने राजनीति के गलियारों में भूचाल ला दिया है. इस सम्मेलन में कई नामी ज्योतिषियों ने बड़े नेताओं के भविष्य पर अपनी भविष्यवाणियां रखीं. इन भविष्यवाणियों में सबसे ज्यादा चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई भविष्यवाणी की हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर की गई भविष्यवाणी में दावा किया गया है कि आने वाले वर्षों में वे राजनीति से संन्यास लेकर अध्यात्म की राह पकड़ लेंगे और “अज्ञातवास” में चले जाएंगे.
मोदी की राजनीति छोड़ने की भविष्यवाणी
सम्मेलन में मौजूद ज्योतिषियों का कहना है कि मोदी की कुंडली बेहद मजबूत है और वे लंबे समय तक देश की राजनीति में सक्रिय रह सकते हैं. लेकिन सितारों की चाल के अनुसार, एक समय ऐसा आएगा जब वे अचानक राजनीति से दूरी बना लेंगे और अध्यात्म में रम जाएंगे. ज्योतिषियों ने कहा है कि मोदी भविष्य में अपना सारा ध्यान राजनीति की बजाय आध्यात्मिक जीवन और साधना पर केंद्रित कर सकते हैं.
इस भविष्यवाणी ने राजनीतिक हलकों में कयासों का तूफान खड़ा कर दिया है. बीजेपी खेमे से लेकर विपक्ष तक हर जगह इस पर चर्चा तेज हो गई है कि अगर ऐसा हुआ तो भारतीय राजनीति का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा.
महाराष्ट्र की राजनीति पर भी ज्योतिषियों की भविष्यवाणी
सम्मेलन में केवल मोदी ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं पर भी भविष्यवाणियां की गईं.

अजीत पवार – ज्योतिषियों का दावा है कि अजीत पवार को भविष्य में मुख्यमंत्री पद मिलेगा, लेकिन यह सफर आसान नहीं होगा. उन्हें इसके लिए जबरदस्त संघर्ष और राजनीतिक उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ेगा.
देवेंद्र फडणवीस – भविष्यवाणी के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रहेंगे. वे “लंबी रेस के घोड़े” साबित होंगे और दिल्ली की राजनीति में बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगे.
सियासी गलियारों में नई चर्चाएं
इन भविष्यवाणियों के बाद दिल्ली से लेकर मुंबई तक राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. क्या वाकई मोदी राजनीति छोड़ देंगे और अध्यात्म की राह पकड़ेंगे? क्या अजीत पवार के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ होगा? और क्या फडणवीस केंद्रीय राजनीति में बड़ा चेहरा बनकर उभरेंगे? इन सवालों ने देश की राजनीति में नए समीकरणों पर चर्चा छेड़ दी है.