- डिजिटल हेल्पलाइन नंबर
7715004444 / 7400086666 जारी - करें कॉल या वॉट्स ऐप मैसेज
मुंबई. साइबर क्राइम इन दिनों पूरी दुनिया की पुलिस एवं अन्य जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं. दूर, अज्ञात जगह बैठे साइबर सेंधमारों को पकड़ना बेहद मुश्किल काम है लेकिन समय पर शिकायत करके उनके ठगी के प्रयासों पर नकेल लगाया जा सकता है. अर्थात डिजिटल अपराधियों को सिर्फ जागरूक रह कर रोका जा सकता है. इसके लिए मुंबई पुलिस ने डिजिटल रक्षक तैनात किए हैं. ये डिजिटल रक्षक मुंबई पुलिस की हेल्पलाइन नंबर हैं जिसपर पीड़ित तुरंत शिकायत करके ठगी से बच सकते हैं.
दैनिक जीवन में इंटरनेट, स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि का इस्तेमाल बढ़ने साइबर अपराधियों द्वारा भोले भाले लोगों को ठगे जाने की आशंका भी बढ़ गई है. मुंबई पुलिस की डिजिटल हेल्पलाइन से 24 घंटे कार्यरत रहेगी और इस पर कॉल करके अथवा वाट्सऐप मैसेज भेज कर ठगी की जानकारी दी जा सकती है.
नई-नई युक्ति लगाते हैं ठग
डिजिटलाइजेशन बढ़ने की वजह से दुनिया भर में साइबर अपराधों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल रही है. क्योंकि सामाजिक जरूरतों के अनुरूप नई तकनीकी को मिल रहे जनता के प्रतिसाद के हिसाब से साइबर अपराधी भी अपनी ठगी के तरीके लगातार बदल रहे हैं. ऑनलाइन नौकरी का झांसा देकर ठगी, शेयर बाजार में ऑनलाइन
निवेश, फ़िशिंग, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन, लोन फ्रॉड और शादी का झांसा देकर धोखाधड़ी जैसे प्रचलित अपराधों के बीच हाल के दिनों में डिजिटल अरेस्ट, कुरियर में ड्रग्स या प्रतिबन्धक शस्त्र के नाम पर धोखाधड़ी के मामलों में अब जबरदस्त वृद्धि हुई है. खुद को पुलिस, क्राइम ब्रांच, ईडी, सीबीआई या आयकर विभाग के अधिकारी पढ़े लिखे लोगों को भी आसानी से शिकार बना रहे हैं.
ऐसे करते हैं ठगी
साइबर अपराध करने वाले गिरोह के सदस्य पहले खुद को एक निर्दिष्ट कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताकर पीड़ित को कॉल करते हैं और कहते हैं कि अपने नाम पर अंतर्राष्ट्रीय कूरियर/पार्सल बुक किया गया था, जिसकी जांच में ड्रग्स, हथियारों, नकली पासपोर्ट, अवैध सिम कार्ड, हवाला का धन या अन्य प्रतिबंधित सामान पाया गया. फिर उसी गिरोह के दूसरे सदस्य कॉल करते हैं और खुद को पुलिस, आयकर, आईबी, सीबीआई, ईडी, क्राइम ब्रांच आदि सरकारी विभागों के अधिकारी बताते हुए जांच का झांसा देकर डिजिटल अरेस्ट का ताना बाना बुनते हैं. ये फर्जी अधिकारी वॉट्स ऐप या दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए पीड़ित को अपना फर्जी पहचान पत्र, वारंट या डिजिटल अरेस्ट का नोटिस आदि भी भेज देते हैं. फर्जी जांच अधिकारियों के झांसे में फंस जाते हैं और प्रत्यक्ष गिरफ्तारी के डर से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक यातना चुप चाप सहते हैं.
पुलिस ने की शिकायत करने की अपील
ऐसे ठगी के कॉल आने पर मुंबई पुलिस की ओर से नागरिकों से मोबाइल क्रमांक 7715004444 अथवा 7400086666 पर कॉल करके अथवा वॉट्स ऐप मैसेज भेज कर तुरंत सूचना देने व शिकायत दर्ज कराने की अपील की गई है. पुलिस का दावा है कि ये “डिजिटल रक्षक” साइबर हेल्पलाइन सेवा 24 घंटे कार्यरत रहेगी. इस पर संदिग्ध कॉल की शिकायत के साथ साथ फर्जी अधिकारियों द्वारा भेजे गए दस्तावेजों की जांच भी की जा सकती है. इससे पुलिस प्रत्यक्ष मौके पर पहुंच कर पीड़ित की मदद और मार्गदर्शन कर सकेगी. साइबर ठगों को रोकने के लिए पुलिस ने डिजिटल रक्षक सेवा का लाभ उठाने की अपील नागरिकों से की है.
मुंबईकर साइबर अपराध की शिकायत हेल्पलाइन क्रमांक 1930 अथवा मुंबई साइबर पुलिस की वेबसाइट https://cybercrime.gov.in पर भी कर सकते हैं.