बोले, ‘महाराष्ट्र पुलिस दल’ देश का सर्वोत्तम पुलिस दल!
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुख्य उपस्थिति में शनिवार को ‘वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025’ का आयोजन किया गा. इस मौके पर सीएम फडणवीस ने ‘डिपार्टमेंटल एन्क्वायरी’ नामक सूचना पुस्तिका एवं पुलिस मैनुअल के दो खंडों का विमोचन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के कारण समाज में उत्पन्न हो रही गंभीर समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमें नशे के खिलाफ लड़ाई जीतनी होगी. इसके लिए पुलिस को अपराधियों पर नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
फोरेंसिक वैन की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर
महाराष्ट्र में फोरेंसिक वैन की उपलब्धता बढ़ाई जानी चाहिए. इसमें सीसीटीएनएस-2.2 और आईसीजीएस-2.2 में परिवर्तन किया गया है, जिसके लिए निर्बाध डेटा एकीकरण और डेटा संचालन की जरूरत है. इसके लिए नेटवर्क कनेक्टिविटी बढ़ानी होगी. जेलों और प्रमुख स्थानों पर वीडियो निगरानी (सुधार सेवाएं) सुविधाओं के माध्यम से ली गई गवाही स्वीकार्य है. इसके लिए कक्ष बनाने होंगे. इस प्रणाली से अभियुक्त को अदालत में ले जाने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी. पुलिस और फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में अधिसूचित साक्ष्य केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं, जहां से गवाही प्रस्तुत की जा सकती है. इस प्रणाली का उपयोग करके डॉक्टर भी अस्पताल से गवाही दे सकेंगे। इसके लिए सभी आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी.
निवेश पर जोर देता है कानून
फडणवीस ने आगे कहा कि नया कानून फोरेंसिक निवेश पर बहुत जोर देता है. फोरेंसिक साक्ष्य और तकनीकी साक्ष्य के अस्तित्व पर जोर दिया गया है. इसके लिए सभी पुलिस इकाइयों को टैब दिए जाएंगे. हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहते हैं कि साक्ष्य रिकॉर्ड 100% हो. नए कानून का अनुपालन करते हुए 100% फोरेंसिक विजिट करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. पहले लंबित मामलों को निपटाना होगा. इसके लिए बाह्य स्रोतों से जनशक्ति उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. उन्हें विशिष्ट प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है. नए कानून के अनुसार समय पर चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए. अब तक 90% लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. हम 100% लोगों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं. ई-समन व्हाट्सएप पर भी जारी किया जा सकता है. आपको अपने रिकार्ड के लिए इसका डिजिटल प्रिंट रखना चाहिए. प्राप्त मामलों की निगरानी करना तथा निर्धारित समय सीमा के भीतर उन पर कार्रवाई करना आवश्यक है. विभिन्न मामलों में जब्त की गई बड़ी मात्रा में संपत्ति पुलिस थानों में पड़ी हुई है. नये कानून के प्रावधानों के अनुसार, जिन मामलों में कार्यवाही पूरी हो चुकी है, उनमें जब्त संपत्ति अगले 6 महीने के भीतर संबंधित पक्षों को सौंप दी जाएगी. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने यह भी कहा कि जांच के दौरान एकत्र साक्ष्यों को रखने के लिए इस्तेमाल किए गए कमरे का आधुनिकीकरण किया जाएगा.
दो से अधिक सजा के समायोजन का विरोध
नये कानून में दो से अधिक समायोजन की अनुमति नहीं होगी. सरकारी वकीलों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि दो से अधिक की सजा का समायोजन मांगा जाता है तो उस पर आपत्ति की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे दोषसिद्धि दर के संबंध में सभी पुलिस इकाइयों के साथ बैठकें पुनः शुरू करेंगे. इसके लिए एक डैशबोर्ड बनाया जाएगा. गृह और पुलिस विभाग को गवाह संरक्षण योजना लागू करनी है. ई-समन जारी करते समय निर्धारित तरीके से पंजीकरण किया जाना चाहिए. पुलिस को जब तक यह राशि नहीं मिल जाती, वे अपना फोन स्वयं इस्तेमाल कर सकते हैं. सफल जांचों की सफलता की कहानियों को प्रचारित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर 1945 और 112 को हर जगह सार्वजनिक किया जाना चाहिए. सरकार ने महासाइबर सेंटर बनाया है और सभी इकाइयों को इसका लाभ उठाना चाहिए. इसके लिए एआई सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए. नये कानून को लागू करने के लिए ऐसी गति से काम किया जाना चाहिए, जिससे कानून में जनता का विश्वास बढ़े.
बढ़ते अपराध पर चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के अपराधियों की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए उनके मुखियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. महिलाओं के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों को और अधिक कुशल बनाया जाएगा. महिलाओं के अपहरण के मामले बढ़ रहे हैं और उन पर नजर रखने की जरूरत है. संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी यथाशीघ्र रिपोर्ट अपने वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत करें. उन्होंने आगे कहा कि एमआईडीसी विभाग के साथ बातचीत की जा रही है. फर्जी माथाडी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. जो लोग लोगों को धमकाते हैं और उन्हें सामान खरीदने के लिए मजबूर करते हैं, चाहे वे किसी भी पार्टी से संबंधित हों, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. किसी भी प्रकार की ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा उद्योगों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए. पुलिस कल्याण योजना के लिए संचार आवश्यक है. संवाद की कमी के कारण अनुशासन नहीं रहता. व्यक्तिगत ईमानदारी महत्वपूर्ण है, भ्रष्टाचार को रोका जाना चाहिए तथा शासन पारदर्शी होना चाहिए. एक टीम के रूप में काम करें.
पुलिस की तारीफ की
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस देश में पहले स्थान पर है. नए कानूनों का इस्तेमाल कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने नक्सलवाद के खिलाफ अच्छी कार्रवाई की है. उपलब्ध तकनीकी संसाधनों का दैनिक कार्यों में अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए. इसके लिए एक इकाई गठित की जानी चाहिए और उन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. साइबर ज्ञान वाले अभ्यर्थियों का उपयोग पुलिस भर्ती में किया जा सकता है. शहरों में सुरक्षित सड़क अभियान चलाया जाना चाहिए. यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरती जानी चाहिए कि कोई अप्रिय घटना न घटे. अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. पहुंच बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाना चाहिए. सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने वालों पर नजर रखी जानी चाहिए और उचित निगरानी रखी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि कानून और व्यवस्था के संरक्षक के रूप में पुलिस को समाज के सभी वर्गों के साथ एकजुट होना चाहिए.

ये मान्यवर भी रहे मौजूद
इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री (शहरी) योगेश कदम, गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) डॉ. पंकज भोयर, मुख्य सचिव, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, मुंबई और ठाणे के पुलिस आयुक्त, कोंकण क्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे.