प्रोजेक्ट उत्थान के तहत अदाणी फाउंडेशन और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी की कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) पहल के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
मुंबई : मुंबई में प्राथमिक शिक्षा को मज़बूत बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए, बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने अदाणी फाउंडेशन और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी के साथ प्रोजेक्ट उत्थान को लेकर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. यह साझेदारी बीएमसी मुख्यालय में संपन्न हुई, जहां अदाणी समूह को यह पत्र औपचारिक रूप से सौंपा गया.
प्रोजेक्ट उत्थान, अदाणी फाउंडेशन और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी की कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत शुरू की गई एक शिक्षा केंद्रित पहल है, जिसका मकसद मुंबई के 947 बीएमसी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 1.5 लाख छात्रों की फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी यानी मूलभूत पढ़ाई-गणित की क्षमता को मज़बूत बनाना है। यह परियोजना मुंबई में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. इस अवसर पर बीएमसी कमिश्नर एवं एडमिनिस्ट्रेटर भूषण गगरानी, एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर (पूर्वी उपनगर) डॉ. अमित सैनी, डिप्टी कमिश्नर (एजुकेशन) डॉ. प्राची जांभेकर, अदाणी इलेक्ट्रिसिटी के प्रबंध निदेशक कंदर्प पटेल, सीईओ रमेश शर्मा, अदाणी फाउंडेशन एवं अदाणी इलेक्ट्रिसिटी के अन्य गणमान्य प्रतिनिधि शनय शाह, कैलाश शिंदे, जतिन उपाध्याय और सुबोध सिंह भी उपस्थित रहे.
5 साल में 25 हजार बच्चों को मिला लाभ
वर्ष 2021 से प्रोजेक्ट ‘उत्थान’ बीएमसी, अदाणी फाउंडेशन और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी के बीच पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है. यह शिक्षा पर केंद्रित एक पहल है, जिसने मालाड, दहिसर, बोरिवली, चेंबूर और कुर्ला स्थित 83 बीएमसी स्कूलों में आधारभूत शिक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है. अब तक यह पहल 25,000 से अधिक छात्रों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचा चुकी है. प्रोजेक्ट के तहत शिक्षण गुणवत्ता, छात्रों की भागीदारी और कक्षाओं को अधिक आनंददायी एवं समावेशी बनाने के स्तर पर उल्लेखनीय सुधार देखे गए हैं. यह पहल केंद्र सरकार के निपुण भारत मिशन के अनुरूप है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के मूल सिद्धांतों को भी प्रतिबिंबित करती है.
शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का लक्ष्य
शैक्षणिक आँकड़ों से परे, प्रोजेक्ट उत्थान का उद्देश्य मुंबई की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में मूलभूत परिवर्तन लाना है, ताकि मजबूत बुनियादी शिक्षा का वातावरण तैयार किया जा सके. यह पहल रणनीतिक रूप से नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2027–28 में शहर के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लक्ष्य से जुड़ी है, जिसमें यह सुनिश्चित करना प्रमुख है कि कोई भी बच्चा लिटरेसी और न्यूमेरेसी की मूलभूत दक्षताओं से वंचित न रह जाए. उस सफलता को आगे बढ़ाते हुए अब इस परियोजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है. शैक्षणिक वर्ष 2025–26 से 2027–28 के बीच, यह पहल 947 मनपा के स्कूलों में कक्षा 1 से 4 तक के छात्रों को शामिल करेगी, जिससे 1.5 लाख से अधिक बच्चों तक पहुँचा जाएगा. यह इसे देश की सबसे बड़ी पहलों में से एक बनाता है. इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरेसी यानी बुनियादी साक्षरता और गणना कौशल को मज़बूत करना है, जो किसी भी बच्चे की शैक्षणिक यात्रा का आधार होता है. इस लक्ष्य को साकार करने के लिए 316 प्रशिक्षित महिला ‘उत्थान सहायकों’ की नियुक्ति की जाएगी, जो विभिन्न स्कूलों में कार्यरत होंगी. ये उत्थान सहायक शिक्षकों के साथ मिलकर उन छात्रों की विशेष रूप से मदद करेंगी जो अनियमित, असहयोगी या पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं. इस पहल में छात्र-केंद्रित शिक्षण पद्धतियों को अपनाया जाएगा और कक्षा 10 के छात्रों के लिए अभ्यास सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार हो सके. इस पूरे प्रोजेक्ट का खर्च अदाणी इलेक्ट्रिसिटी और अदाणी फाउंडेशन द्वारा उठाया जाएगा. जबकि बीएमसी का शिक्षा विभाग स्कूलों में ज़रूरी सुविधाएं और सहयोग प्रदान करेगा.