पुणे. महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी और शिक्षा का मायका कहा जानेवाला पुणे अब काेयता गैंग, मुलशी पैटर्न पर की जाने वाली हत्याओं एवं रेप जैसी सनसनीखेज आपराधिक वारदातों की वजह से बदनाम होता जा रहा है. पुणे में एक एसटी बस में मंगलवार को भोर के समय घटित हुई ऐसी ही एक सनसनीखेज रेप की घटना के कारण पुणे कलंकित हुआ तो वहीं पूरा देश दहल गया. हैरानी की बात यह है कि स्वछंद घूमने वाला एक कुख्यात अपराधी हमेशा व्यस्त रहने वाले स्वारगेट बस डिपो में खड़ी एसटी बस में वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो गया और अब पुलिस लकीर पीट रही है. इस घटना का उससे भी शर्मनाक पहलू ये है कि आरोपी ने बहन बोल कर पीड़िता को अपनी बातों के जाल में फंसाया था. इस घटना का खुलासा बुधवार को होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
मिली जानकारी के अनुसार, 26 वर्षीया पीड़िता किसी काम के सिलसिले में पुणे के स्वारगेट इलाके में आई थी. उसे वापस फलटन क्षेत्र स्थित अपने गांव जाना था. वह स्वारगेट बस डिपो के प्रतीक्षालय में बैठकर बस का इंतजार कर रही थी. सुबह में 5.30 बजे के करीब अकेला देखकर आरोपी पीड़िता के पास आया और बोला कि बहन कहां जाना है? पीड़िता ने उसे फलटन बताया तो आरोपी ने कहा कि तुम गलत जगह बैठी हो. फलटन की बस यहां से नहीं जाएगी. पीड़िता ने कहा कि मैं जानती हूं, बस यहीं से जाएगी. इस पर आरोपी ने कहा कि रात में बस देरी से आई थी इसलिए चालक ने उस तरफ खड़ा किया है. चलो मैं बता देता हूं, नहीं तो तुम रात में यहीं बैठी रह जाओगी.
विश्वास करके फंस गई पीड़िता
बहन बोलकर बात शुरू करने की वजह से पीड़िता बातों में फंस गई और वह आरोपी के साथ चली गई. आरोपी, पीड़िता को अंधेरे कोने में खड़ी एक बस के पास ले गया और बोला कि ये बस फलटन जाएगी तुम इसमें चढ़ जाओ. पीड़िता ने कहा बस में कोई नहीं है और अंधेरा भी है. इस पर आरोपी ने कहा दूसरे यात्री बस में सोए हैं, तुम चाहो अंदर मोबाइल का टॉर्च जला कर देख लो. उसकी बात मानकर पीड़िता जैसे ही बस में चढ़ी आरोपी ने अपना असली रूप दिखाते हुए पीड़िता को दबोच लिया. पीड़िता को डरा धमका कर हवस का शिकार बना कर आरोपी फरार हो गया.
डर गई थी पीड़िता
बताया जा रहा है कि बस क्रमांक एमएच 06 बी डब्ल्यू 0319 में पीड़िता का मुंह दबाकर आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी थी. इस वजह से पीड़िता डर गई. आरोपी के जाने के बाद वह बदहवास अवस्था में बस से उतरी और डिपो में मौजूद एक व्यक्ति को अपनी आपबीती सुनाकर मदद मांगी लेकिन उस शख्स ने मदद करने की बजाय रात में बाहर क्यों निकली, जमाना खराब है और लोक लाज, बदनामी की दुहाई देकर पीड़िता को चुपचाप अपने घर जाने की नसीहत दे दी.
दोस्त की सलाह पर दर्ज कराई शिकायत
अजनबी की बदनामी वाली नसीहत की वजह से पीड़िता अगली बस में सवार हो कर फलटन के लिए रवाना हो गई. लेकिन उसे आत्मग्लानि हो रही थी. इसलिए पीड़िता ने अपने एक दोस्त को घटना के बारे में बताया तो दोस्त ने उसे तुरंत पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने को कहा. इसलिए पीड़िता बस से उतरकर वापस स्वारगेट पुलिस थाने पहुंच गई.
आरोपी निकला हिस्ट्रीशीटर
स्वार गेट एसटी डिपो में खड़ी बस में पीड़िता से बलात्कार की बात सुनकर पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया. तुरंत हरकत में आई पुलिस ने बस डिपो का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पीड़िता को बरगलाकर साथ ले जा रहे आरोपी की फुटेज मिल गई. आरोपी की पहचान दत्तात्रय रामदास गाडे के रूप में सामने आई. आरोपी एक हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ शिक्रापूर और शिरूर पुलिस थाने में लूट, छिनैती समेत आधा दर्जन से अधिक मामले पहले से ही दर्ज पाए गए. वह 2019 से जमानत पर छूटकर बाहर आया था. बाद मे उसके खिलाफ 2024 में भी एक मामला दर्ज किया गया था. पुलिस के मुताबिक आरोपी अभी फरार है. उसकी तलाश में 8 अलग अलग टीमों का गठन किया गया है. फिलहाल उस पर पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है. इसी के साथ-साथ उसके भाई को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.
दो बार किया रेप
पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट से पता चला है कि आरोपी ने पीड़िता से दो बार रेप किया था. इस मामले में पुलिस आरोपी के घर तक पहुंच गई है. लेकिन वहां आरोपी द्वारा वारदात के समय पहने गए कपड़े और जूते के अलावा और कुछ हाथ नहीं लगा. शातिर आरोपी पुलिस के पहुंचे से पहले फरार हो चुका था.

बस डिपो बना अय्याशी का अड्डा
शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी गुट) के नेता वसंत मोरे ने इस मामले में बड़ा आरोप लगाया है. गुरुवार शिवशाही बस में बलात्कार का खुलासा होने के बाद स्वारगेट बस डिपो पहुंचे मोरे जबरदस्त आक्रोशित दिखाई दिए. उन्होंने बस डिपो में तोड़फोड़ की और आरोप लगाया कि बस डिपो का उपयोग अय्याशी के अड्डे के रूप में किया जा रहा था. बस स्टैंड पर खड़ी चार पुरानी बसों में चादरें, कालीन, साड़ियां और कंडोम आदि मिले हैं. मोरे ने बस डिपो में तैनात सुरक्षा गार्डों की भूमिका पर संदेह जताते हुए कहा कि यह पूरा परिसर सुरक्षा गार्डों की निगरानी में है. उन्होंने आशंका जताई कि बस स्टैंड के अंदर इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही होंगी.