बोले, दुकानदारों की लंबित मांगों पर केंद्र को भेजें प्रस्ताव
मुंबई : मंत्रालय में मंगलवार को आयोजित बैठक में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सस्ते राशन दुकानदारों को देय मानदेय का तुरंत भुगतान करने के स्पष्ट निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने दुकानदारों की लंबित मांगों के बारे में केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजने को भी कहा. इस दौरान खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, नागपुर जिला ग्रामीण सस्ता किराना दुकानदार संघ के पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.
मांगों पर चर्चा के दौरान राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा कि सस्ते अनाज के दुकानदार सरकार की योजनाओं की रीढ़ हैं. हम उनकी समस्याओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें उचित पारिश्रमिक मिले. साथ ही, बकाया कमीशन का तुरंत भुगतान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
दुकानदारों ने बताई अपनी समस्या
दुकानदारों ने अपनी समस्याओं को साझा करते हुए कहा कि वे बहुत कम कमीशन पर लाभार्थियों को सरकार का मुफ्त अनाज वितरित करते हैं. लेकिन उन्हें करीब पिछले लगभग 8 महीनों से उनका लंबित कमीशन नहीं मिला है. ऐसे में दुकान का किराया, बिजली का बिल, माप, ई-पी. ओ. एस. मशीन रिचार्ज आदि जैसे खर्चों को पूरा करने के लिए उन्हें ऋण लेना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्होंने वर्षों से लंबित मांगों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की. सरकारी राशन दुकानदारों ने सरकार से उनकी मांगों को स्वीकार करने और शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. बैठक से सस्ते अनाज के दुकानदारों ने उम्मीद जताई कि उनकी मांगों का जल्द ही समाधान हो जाएगा.
राशन दुकानदारों की प्रमुख मांगे
- प्रति क्विंटल कमीशन 150 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए किया जाए
- पिछले 6 से 8 महीने के बकाया कमीशन का भुगतान तुरंत किया जाए.
- प्रत्येक महीने के कमीशन का भुगतान नियमित रूप से 5 तारीख तक कर दिया जाना चाहिए.
- सर्वर और नेटवर्क की समस्याओं का स्थायी समाधान ढूंढे और मैनुअली वितरण की सुविधा प्रदान करें.
- सभी अनाज और वस्तुओं (साड़ी, बैग, किट) को एक ही बिल में शामिल किया जाना चाहिए.
- साड़ी और बैग के वितरण के लिए देय कमीशन का भुगतान तत्काल किया जाना चाहिए.
- आधार लिंक, मोबाइल नंबर लिंक और ई-केवाईसी के लिए अलग पारिश्रमिक मिलना चाहिए.
- अनाज आवंटन में होने वाले नुकसान को कम से कम 1 प्रतिशत की नुकसान की स्वीकृति मिलनी चाहिए.
- लाइसेंसधारी उत्तराधिकारियों के पंजीकरण के लिए नामांकन सुविधा प्रदान करें.
- सभी दुकानदारों को पहचान पत्र दिए जाएं.