मुंबई. राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को आयोजित बैठक में कहा कि मुंबई में कई परियोजनाओं का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है. हालांकि, बड़ी इमारतों के बगल में स्थित झुग्गी-झोपड़ियों और चालों में स्थित इमारतों पर भी बड़ी इमारतों की तरह रेडी रेकनर दरें लगाई जाती हैं. ऐसा होने से रोकने के लिए माइक्रो जोनिंग आवश्यक है. इसके लिए 16 अप्रैल को मुंबई के सभी विधायकों की बैठक आयोजित की गई है.
विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान रेडी रेकनर दर के संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत सवाल उठाया गया था. बुधवार को आयोजित बैठक में इसका जवाब देते हुए बावनकुले ने कहा कि मुंबई में इमारतों के लिए रेडी रेकनर दरें निर्धारित करते समय कुछ क्षेत्रों में अधिक दरें लगाई गई हैं. इस संबंध में नगर सर्वेक्षण के अनुसार दरें निर्धारित करने की आवश्यकता है. सभी भवनों के लिए एक समान मूल्य निर्धारित करना संभव नहीं होगा. इसके लिए दरें निर्धारित करते समय जीआईएस प्रणाली का उपयोग किया जाना चाहिए और इसकी शुरुआत मुंबई से होनी चाहिए. मुंबई में इस समय पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इसलिए मुंबई से शुरू करके राज्य के अन्य हिस्सों में भी इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा. बैठक में विधायक अनिल परब, सचिन अहीर, प्रवीण दरेकर आदि उपस्थित थे.
16 अप्रैल को मुंबई में विधायकों की बैठक
वर्तमान में यदि सरकार को दरें बहुत अधिक लगती हैं तो एमपीडी अधिनियम 34 के अनुसार इसमें संशोधन किया जा सकता है. इसमें से 40 प्रतिशत की कटौती कर रेडी रेकनर दर को 60 प्रतिशत तक लाया जाता है. हालांकि, जनप्रतिनिधियों ने तर्क दिया कि यह दर भी अधिक है. इसलिए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने आश्वासन दिया कि वे सभी को विश्वास में लेकर 16 अप्रैल 2015 को मुंबई में सभी विधायकों की बैठक आयोजित करेंगे.