महाशिवरात्रि पर शिव के 12 धाम के बारे में जान लें जहां के दर्शन मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं.
केदारनाथ- यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थित है. जिस तरह कैलाश भगवान शिव को बहुत पसंद है, उसी तरह से केदारनाथ का भी बहुत महत्व है.
काशी विश्वनाथ- यह ज्योतिर्लिंग बनारस में स्थापित है। सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्याधिक महत्व है. ऐसी मान्यता है कि प्रलय आने पर भगवान शिव काशी को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे.
सोमनाथ- सोमनाथ को भारत में स्थित सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पुराना और पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है. यह गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में है. शिवपुराण के अनुसार इसी जगह पर चंद्रमा को श्राप से मुक्ति मिली थी.
मल्लिकार्जुन- यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश के कृष्ण नदी के समीप श्रीलैश पर्वत पर स्थित है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
महाकालेश्वर- यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर में स्थित है. यह एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो दक्षिणमुखी है. महाकाल की भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है. महाकाल की पूजा करने से आयु से संकट टल जाता है.
बैजनाथ- यह ज्योतिर्लिंग झारखण्ड प्रदेश में स्थित है. इसे भी सभी 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना जाता है.
भीमशंकर- यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र प्रांत के भीमा नदी के किनारे पर स्थापित है. इस ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.
नागेश्वर- यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारिका नामक स्थान पर स्थित है. इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
घृष्णेश्वर- यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में स्थित है. एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं भी यहीं पर है.
ओंकारेश्वर- यह मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के समीप स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग ऊं के आकार लिए हुए है इस कारण से इसे ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है.
रामेश्वरम- यह ज्योतिर्लिंग चार धामों में से एक है. यह तमिलनाडु राज्य में स्थित है. ऐसी मान्यता है इस स्थान पर स्वयं भगवान राम ने ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। जिसके कारण इस ज्योतिर्लिंग का नाम रामेश्वरम पड़ा.
त्र्यंबकेश्वर- यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब नासिक जिले में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि गौतम ऋषि के आग्रह पर भगवान शिव ने ज्योतिर्लिंग रूप में इस जगह स्थापित हुए थे.
