“टेक वारी: महाराष्ट्र टेक लर्निंग वीक” में 24 स्टार्टअप्स ने किए प्रस्तुतीकरण
‘स्टार्टअप रोडमैप’ पुस्तक का मान्यवरों के हाथों विमोचन
मुंबई. महाराष्ट्र के कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री श्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने शुक्रवार को कहा कि भारत का व्यापार कभी पूरी दुनिया में फैला हुआ था. देश के घर-घर में लघु और कुटीर उद्योग चलते थे. इसलिए भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था. देश को दोबारा वही गौरव दिलाने के लिए स्टार्टअप को एक जनआंदोलन बनाना होगा. मंत्रालय में आयोजित “टेक वारी” कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार इसी लक्ष्य का हासिल करने का प्रयास कर रही है. सरकार ने छह विभागों को स्टार्टअप्स के साथ काम करने की स्वीकृति दी है.
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा महाराष्ट्र के प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण संस्कृति निर्माण के उद्देश्य से “टेक वारी: महाराष्ट्र टेक लर्निंग वीक” कार्यक्रम 5 से 9 मई के दरम्यान आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत आयोजित “महा-राइज स्टार्टअप पिचिंग सेशन” के दौरान कौशल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव मनीषा वर्मा, उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव वेणुगोपाल रेड्डी, आयुक्त आर. विमला, महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय की कुलगुरु डॉ. अपूर्वा पालकर, महाराष्ट्र राज्य नवाचार सोसाइटी के आयुक्त नितिन पाटील, जलसंपदा विभाग के सचिव गणेश पाटील, वस्त्र उद्योग विभाग की सचिव अंशू सिन्हा, महाराष्ट्र राज्य पुलिस गृह निर्माण कल्याण सहकारी संस्था की पुलिस महानिदेशक अर्चना त्यागी, सामान्य प्रशासन विभाग की सह सचिव गीता कुलकर्णी सहित 24 क्षेत्रों से जुड़े स्टार्टअप्स उपस्थित थे.
स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ाने पर जोर
मंत्री लोढ़ा नेकहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने देश के विकास के लिए स्टार्टअप जैसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनके माध्यम से कई लोगों ने देश का नाम रोशन किया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र ने भी स्टार्टअप के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप्स की संख्या अभी भी कम है. इसे बढ़ाने के लिए कौशल और नवाचार विभाग कार्यरत है और मुख्यमंत्री फडणवीस स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं.
तीन लाख से अधिक रोजगार का सृजन
अपर मुख्य सचिव मनीषा वर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य नवाचार सोसाइटी का काम तीव्र गति से चल रहा है। महाराष्ट्र में देश के सबसे अधिक स्टार्टअप्स हैं. कुल 28,406 स्टार्टअप्स के माध्यम से 3 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं. इनमें से 14,000 से अधिक स्टार्टअप्स महिलाओं नेतृत्व में हैं. उन्होंने ‘महाराष्ट्र स्टार्टअप 2025’ नीति और ‘महाराष्ट्र स्टार्टअप वीक’ की विस्तृत जानकारी भी दी. स्टार्टअप्स को विभिन्न सरकारी विभागों के साथ काम करने का अवसर मिलेगा.
24 स्टार्टअप्स ने प्रस्तुत किए अपने नवाचार प्रोजेक्ट्स
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के 24 स्टार्टअप्स ने अपने नवाचार प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए। इन चयनित स्टार्टअप्स को उनके उत्पाद या सेवाओं को विभिन्न शासकीय विभागों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने का अवसर मिलेगा। प्रत्येक स्टार्टअप को 15 लाख रुपए का वर्क ऑर्डर भी दिया जाएगा, यह जानकारी अपर मुख्य सचिव मनीषा वर्मा ने दी. इन स्टार्टअप्स में हेल्थटेक, एजटेक, एग्रीटेक, गवटेक, पर्यावरणीय तकनीक, परिवहन प्रणाली जैसे क्षेत्रों के स्टार्टअप्स शामिल थे. इसके अलावा मरीन टेक, दिव्यांगजनों के लिए एआई आधारित सांकेतिक भाषा, कृषि रोबोटिक्स, नैनो बबल तकनीक से जल शुद्धिकरण, सौर पैनल्स की कार्यक्षमता बढ़ाने वाली नैनो कोटिंग, एआई से सड़कों की हालत का विश्लेषण, दृष्टिहीनों के लिए स्मार्ट चश्मा, स्वच्छ ऊर्जा, कचरा प्रबंधन, जैविक पर्यावरण तकनीक, तेजी से जख्म भरने वाली ड्रेसिंग सामग्री, हाई-कूलिंग जैकेट्स, स्मार्ट हेलमेट कूलर, IoT आधारित सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन, दिव्यांगों के लिए वेबसाइट एक्सेसिबिलिटी समाधान, कृषि प्रसंस्करण व अरोमैटिक्स, उपग्रह रिमोट सेंसिंग आधारित जिओस्पेशियल विश्लेषण व भू-सतहीय खतरे पहचान, ड्रोन व सर्वेक्षण तकनीक आदि क्षेत्रों से जुड़े देश के उत्कृष्ट स्टार्टअप्स ने भी अपनी परियोजनाओं की जानकारी दी. इस कार्यक्रम में डॉ. युवराज परदेशी द्वारा लिखित “स्टार्टअप रोडमैप” पुस्तक का विमोचन भी किया गया.
