मुंबई. मुंबई महानगर में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का मुद्दा महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को विधानसभा में गूंजा. बीजेपी विधायक पराग अलावनी, योगेश सागर ने सरकारी खास कर मनपा की जमीनों पर अतिक्रमण और झोपड़पट्टियों में कानून को ठेंगा दिखाते हुए भ्रष्ट अधिकारियों की साठगांठ से बनाए गए 4 मंजिला झोपड़ों के टावर का मुद्दा प्रमुखता से उठाया. इस दौरान शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) विधायक वरुण सरदेसाई, कांग्रेस के विधायक अमीन पटेल, मुरजी पटेल, अजय चौधरी, बाला नार ने भी इसी संदर्भ में उप-प्रश्न उठाए थे. सभी विधायकों ने अपने विधान सभा क्षेत्रों में अतिक्रमण व अवैध निर्माणों का मुद्दा उठाते हुए अतिक्रमण और अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार पुलिस एवं मुंबई महानगर पालिका के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. तो वहीं शरद पवार की एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की एनसीपी के विधायक व पूर्व मंत्री दिलीप वल्से पाटिल ने भी इस मामले में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग का समर्थन किया.
अकेली पड़ी राज्य मंत्री माधुरी मिसाल
मुंबई में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण और खासकर झोपड़पट्टियों में तीन चार मंजिला अवैध निर्माण के मुद्दे पर बीजेपी विधायक योगेश सागर, यूबीटी विधायक सरदेसाई और एनसीपी शरदचंद्र पवार पार्टी के विधायक आव्हाड ने राज्य मंत्री माधुरी मिसाल को घेर लिया तो पहले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने और फिर बाद में उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हस्तक्षेप करके मामले को शांत कराया. वरुण सरदेसाई ने अपने विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बांद्रा पूर्व स्थित वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के सर्विस रोड के फुटपाथ पर बनी दुकानों और गैरेजों का मुद्दा उपस्थित किया. उन्होंने कहा कि पुलिस और मनपा के संबंधित अधिकारी स्थानीय विधायक की शिकायत को भी तवज्जो नहीं देते हैं. इसी तरह अमीन पटेल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के बी, सी और डी वार्ड में कई एक मंजिला इमारतें अवैध रूप से 10 मंजिला बन गई हैं. प्रश्नोत्तर काल के दौरान उठाए गए विधायक योगेश सागर, सरदेसाई और पटेल के सवाल के जवाब में मंत्री मिसाल जांच करके कार्रवाई का आश्वासन दे रही थीं. लेकिन विधायकों ने चौतरफा हमला बोलते हुए अतिक्रमण, अवैध निर्माणों के साथ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लगने वाली समय सीमा पर भी सवाल पूछने लगे. इस दौरान नार्वेकर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि आप सभी विधायक अपनी शिकायत मुझे दें और फिर मैं मंत्री से उन शिकायतों पर अधिवेशन समाप्त होने से पहले रिपोर्ट लूंगा. इसके साथ साथ नार्वेकर ने यह भी याद दिलाया कि मानसून होने की वजह से झोपड़पट्टियों में अभी कम से कम तीन महीने कार्रवाई नहीं हो सकती है.

अनधिकृत निर्माणों को सरकार नहीं देगी संरक्षण
इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार मुंबई मनपा आयुक्त को मुंबई में अनधिकृत निर्माणों को सूचीबद्ध और वर्गीकृत करने के निर्देश देगी सरकार किसी भी अवैध निर्माण को संरक्षण नहीं देगी. यदि अधिकारी अनधिकृत निर्माणों का समर्थन करते पाए गए, तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि वसई-विरार नगर निगम की सीमा में कई अनधिकृत निर्माणों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है और कुछ मामलों में, न्यायालय के स्थगन के कारण, वे निर्माण अस्थायी रूप से बने हुए हैं. लेकिन न्यायालय का स्थगन हटते ही उन्हें भी हटा दिया जाएगा.
वर्तमान में मानसून के कारण, कुछ स्थानों पर लोग रह रहे हैं, इसलिए अनधिकृत निर्माणों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करना संभव नहीं है. लेकिन मानसून के बाद, सभी अवैध निर्माणों को हटा दिया जाएगा. डीसीएम शिंदे ने यह भी कहा कि विले पार्ले (पूर्व) में बृहन्मुंबई नगर निगम के स्वामित्व वाले भूखंड संख्या 256 पर अवैध रूप से एक शेड का निर्माण होने का पता चलने पर, नगर निगम ने 24 मार्च, 2025 को इस शेड के विरुद्ध कार्रवाई की है. इसके बाद, संबंधित भूखंड पर अनधिकृत पार्किंग के अतिक्रमण के संबंध में नगर निगम को शिकायत प्राप्त हुई. इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए, बृहन्मुंबई नगर निगम ने 3 जून, 2025 को उस अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की और अनधिकृत पार्किंग को हटा दिया.
सदस्य सूची दें सरकार कार्रवाई करेगी
राज्य मंत्री श्रीमती मिसाल ने कहा कि एमआरटीपी अधिनियम के अनुसार अनधिकृत निर्माणों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है. सदस्य अपने क्षेत्र में अनधिकृत निर्माणों की जानकारी प्रदान करें. संबंधित स्थानों पर कार्रवाई की जाएगी. अनधिकृत निर्माण के संबंध में संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.