सोमवार को अपना 11वां बजट पेश करने के बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार ने बजट की जमकर सराहना की. तो वहीं पूरे सत्तारूढ़ महायुति के घटक दलों के नेताओं ने एक सूर में अजीत के बजट को विकासवादी बजट करार दिया. अजीत ने कहा कि यह बजट ‘विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र’ के सपने को साकार करने वाला है, जिसमें कृषि, कृषि क्षेत्र, उद्योग, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, बुनियादी ढांचा, सामाजिक विकास जैसे अनेक क्षेत्रों के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं. इससे घरेलू और विदेशी निवेश, रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे. यह बजट विधानसभा चुनाव में राज्य के मतदाताओं द्वारा जताए गए विश्वास पर खरा उतरने में सफल होगा. राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है और औद्योगिक विकास में राज्य हमेशा अग्रणी रहा है तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी यह देश में शीर्ष पर है. जनवरी 2025 में दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में राज्य सरकार ने कुल 63 कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इसके जरिए आगामी समय में 15 लाख 72 हजार 654 करोड़ रुपये का निवेश होगा. अनुमान है कि इससे लगभग 16 लाख नौकरियां पैदा होंगी. जबकि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी में शामिल घटक दलों को अजीत का बजट रास नहीं आया. आइए देखते हैं बजट के पक्ष किसने क्या कहा?
विकसित महाराष्ट्र साकार करनेवाला लोकाभिमुख बजट
यह एक लोकाभिमुख बजट है, जो विकसित भारत और विकसित महाराष्ट्र के विजन को साकार करेगा है. कृषि, उद्योग, बुनियादी ढांचा, रोजगार और सामाजिक विकास, इस बजट के पांच स्तंभ हैं. इस संतुलित बजट के अनुरूप काम करते हुए हम कदम आगे बढ़ाएंगे.
– मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
पिछले ढाई वर्षों से महाराष्ट्र तेज रफ्तार से विकास पथ पर दौड़ रहा है और आज का बजट इस संकल्प को व्यक्त करता है कि अब महाराष्ट्र रुकेगा नहीं रुकेगी. अजीत पवार ने एक चैंपियन बजट पेश किया है, जो पिछले ढाई वर्षों से चल रही जन-उन्मुखी योजनाओं और बुनियादी ढांचे के बीच सही संतुलन बनाए रखेगा.
-एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री
विकसित महाराष्ट्र के संकेत दिखाता बजट!
राज्य बजट के माध्यम से एक विकसित महाराष्ट्र के संकेत राज्य के लोगों के सामने आए हैं. राज्य के शाश्वत विकास की रूपरेखा सामने आई है और खास बात यह है कि केंद्र सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ महाराष्ट्र को कैसे मिलेगा,यह भी इस बजट में दर्शाया गया है.
-चंद्रशेखर बावनकुले- राजस्व मंत्री
मोदी के विकसित भारत के विजन के लिए बजट मील का पत्थर
राज्य का 2025-26 बजट एक मील का पत्थर है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के विजन को बढ़ावा देगा.
-सुनील तटकरे, सांसद व महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष- एनसीपी (अजीत पवार)
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा पेश किया गया यह पहला बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्देशित “विरासत से विकास तक” की अवधारणा का व्यापक प्रतिबिंब है. इससे महाराष्ट्र का गौरव बढ़ा है. बजट से हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि 50 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य, दावोस में हुए 15 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक के समझौते, वहां विकसित होने वाले नए कौशल, ये सब नवी मुंबई में विकसित हो रहे हैं. औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक हब नीति और ड्रोन नीति पर अत्याधुनिक रोजगार सृजन नीति भी बनाई गई है. इतना ही नहीं, किसानों के सम्मान से लेकर हमारे बिजली बिलों में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राहत तक, ये सब बजट को विकास की दृष्टि से बहुत मजबूत और दूरदर्शी बनाता है. सिंचाई से लेकर शिक्षा तक, विद्यार्थियों से लेकर माताओं-बहनों तक, बुजुर्गों से लेकर पर्यावरण तक, इस बजट में सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया है.
-आशीष शेलार, सूचना प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री
उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा प्रस्तुत 2025-26 का बजट महाराष्ट्र को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला है. यह बजट समग्र है, विकास की लहर को समाज के अंतिम तबके तक ले जाने वाला है, तथा बजट में रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
-मंगल प्रभात लोढ़ा, कौशल विकास मंत्री
विकास का सपना साकार करने वाला जनोन्मुखी बजट
वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा प्रस्तुत यह बजट देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने के अनुसार विकसित भारत की ओर ले जाएगा और महाराष्ट्र के विकास का सपना पूरा करेगा। यह देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीसरे स्थान पर ले जाने में महत्वपूर्ण होगा.
– पंकजा मुंडे, पशुपालन-पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री
रोजगारोन्मुखी विकास के लिए इस क्षेत्र की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए 2025-26 के बजट में पर्यटन विभाग की बुनियादी सुविधाओं के लिए 2,083 करोड़ रुपये का पर्याप्त प्रावधान किया गया है. अगले दस वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है तथा स्वास्थ्य पर्यटन नीति भी तैयार की गई है. इसके अलावा, शिवश्रुति जैसी विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गई हैं और नई पीढ़ी को छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम के इतिहास से अवगत कराने के उद्देश्य से पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं.
– शंभूराज देसाई, पर्यटन-खान एवं भूतपूर्व सैनिक कल्याण मंत्री
विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र को साकार करने में सहायक होगा राज्य का बजट. कृषि, सड़क, पर्यटन, महिला विकास, स्वास्थ्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में राज्य में विभिन्न बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है. साथ ही, राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संजोने के लिए नई योजनाओं को लागू करने के लिए बजट में मजबूत समर्थन दिया गया है. केंद्र सरकार का सहयोग, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं की सहायता, योजनाओं का समन्वय इन सभी के मद्देनजर पिछली योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ राज्य की विभिन्न नई योजनाओं के आर्थिक प्रावधान में 33 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति के सुदृढ़ होने का संकेत है.
-माधुरी मिसाल, राज्य मंत्री
आम आदमी को बरगद की तरह छांव देने वाला बजट
जिस तरह केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग, गरीब, किसान और महिलाओं को राहत दी है, उसी तरह राज्य के बजट 2025-26 में भी राहत बढ़ाई गई है. महाराष्ट्र निर्यात संवर्धन नीति, पर्यटन नीति, नई आईटी नीति, लॉजिस्टिक्स नीति, स्वास्थ्य पर्यटन नीति लागू करने, 2025 को सहकार वर्ष घोषित करने और हर साल अक्टूबर महीने में अभिजात मराठी भाषा अभियान लागू करने का निर्णय लिया गया है, महिलाओं के लिए लाडकी लेक और लाडली बहन जैसी योजनाओं का दायरा बढ़ाया गया है. महिला सशक्तिकरण के लिए 10 जिलों में उम्मेद मॉल शुरू करने का निर्णय लिया गया है तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से महिलाओं के लिए कौशल विकास गतिविधियों को क्रियान्वित किया जाएगा. ये पहल एक नये युग की शुरुआत करने जा रही हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के स्मारकों के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं. साथ ही, “दुर्गम ते सुगम” कार्यक्रम के तहत मंदिरों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि उपलब्ध कराई गई है. कृषि एवं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए 45 लाख कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए 7,978 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इस निर्णय का स्वागत है.
-डॉ. नीलम गोर्हे, उपसभापती विधान परिषद
ये है विरोधियों की राय

यह जनादेश का अपमान करनेवाला बजट है. ये जो उनकी जीत है; हमारे विचार से, यह फर्जी मतदान, ईवीएम घोटाला, डबल वोटिंग का नतीजा है. लेकिन यदि सरकार को लगता है कि महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें बहुमत से चुना है, तो यह बजट उस बहुमत का अपमान करने वाला है. क्योंकि लाडली बहनों को 2100 रुपए दिए जाने का कोई जिक्र नहीं है. मुख्यमंत्री के तौर पर, मैंने नागपुर अधिवेशन में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की और उसे लागू किया. मुझे लाडली बहनों के लिए उनका प्यार नहीं दिखा, लेकिन ठेकेदारों के लिए उनका प्यार अभी भी बना हुआ है. यह प्यारे ठेकेदारों के लिए बजट है.
-उद्धव ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री व पक्ष प्रमुख- शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे
सरकार ने किया किसानों को धोखा देने का पाप
महायुति ने उन अत्यंत लाडली बहनों, किसानों, वंचितों और आदिवासियों के साथ विश्वासघात किया, जिनके वोटों से महायुति सरकार सत्ता में आई. चुनाव से पहले गुलाबी जैकेट पहनने वाले अब गुलाबी जैकेट और अपनी लाडली बहनों को भूल गए हैं.
-विजय वडेट्टीवार, विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता
मेरे महाराष्ट्र को कहां पहुंचा दिया?
यह बजट किसानों के मुंह पर तमाचा है और उनकी लाडली बहनों के साथ धोखा है. चुनाव से पहले सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में घोषणा की थी कि वह लाडली बहनों को 2100 रुपए देगी. बाद में सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कहा गया कि बजट में इसे लागू किया जाएगा. लेकिन अब, जब ऐसा लग रहा था कि उनका तालमेल बैठ गया है. सरकार ने इस बजट में लाडली बहनों को छोड़ दिया है. महाराष्ट्र रुकेगा नहीं, कहने वालों महाराष्ट्र को कहां पहुंचा दिया है?
– अंबादास दानवे, विपक्ष के नेता विधान परिषद व शिवसेना नेता
खोखला बजट
यह दिशाहीन, ध्येय हीन एवं नीतिहीन खोखला बजट है. सरकार ने किसानों, महिलाओं एवं आम जनता से विश्वासघात किया है.
–हर्षवर्धन सपकाल, अध्यक्ष – कांग्रेस महाराष्ट्र प्रदेश
सरकार का बजट सेवन हेवन जैसा
सरकार ने घोषित योजनाओं के जरिए आम जनता सेवन हेवन में पहुंचाने यानी सपनों का सब्जबाग दिखाने का प्रयास किया है. इसमें कार से यात्रा करने वालों के लिए पुलों और सुरंगों के अनेक संकेत लगे हुए हैं. लेकिन एसटी बसों और ट्रेनों से यात्रा करने वाले आम, गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है. महाराष्ट्र का राजस्व घाटा अनुमानित 20,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 45,892 करोड़ रुपए हो गया है. पिछले वर्ष घाटा 20,000 करोड़ रुपये दिखाया गया था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार यह 26,536 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. इसका मतलब यह है कि कुल घाटा 60,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा. राजकोषीय घाटा भी 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर आज 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए हो गया है. यह आंकड़ा भी 1.5 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा.
– जयंत पाटिल, विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष- राकां शरद चंद्र पवार