मुंबई. महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार मनोधैर्य योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है. महिलाओं के खिलाफ हिंसा को कम करने के लिए पुरुषों की काउंसलिंग पर भी जोर देने की जरूरत है. ऐसा कहते हुए उन्होंने आयोग की गतिविधियों में पुरुषों और खासकर युवाओं की भागीदारी बढ़ाने की अपील की.
महाराष्ट्र विधानमंडल उपाध्यक्ष कार्यालय और राज्य महिला आयोग ने संयुक्त रूप से महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की कार्यप्रणाली और दक्षता पर एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने राज्य महिला आयोग द्वारा क्रियान्वित गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि आयोग के साथ 150 सामाजिक संगठन काम कर रहे हैं. आयोग को प्राप्त शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लेकर महिलाओं के मुद्दों को न्याय दिलाने में आयोग लगातार भूमिका निभा रहा है. इस मौके पर मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि संवाद कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं द्वारा उठाए गए प्रश्न और सुझाव महत्वपूर्ण हैं और इन सभी सुझावों की रिपोर्ट गृह विभाग और मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को वन स्टॉप सेंटर योजना, केंद्र सरकार के नए नियमों के तहत ही संचालित करनी है. पहले इन केंद्रों के संचालन की जिम्मेदारी एनजीओ के पास थी. लेकिन अब सरकार इन केंद्रों का संचालन करेगी, इसलिए वन स्टॉप सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी.
ये मान्यवर रहीं उपस्थित
कार्यक्रम में विधान परिषद में उपसभापति डॉ. गोर्हे, विधायक चित्रा वाघ, प्रज्ञा सातव, महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक राहुल मोरे, सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीबेन शाह, निर्मला सामंत प्रभावलकर, राजलक्ष्मी भोसले, नीता केलकर, उत्कर्षा रूपावते, मुमताज शेख, संगीता चव्हाण, कला शिंदे, प्रतिभा जगताप, सारिका पवार, सुनीता मोरे, कोयना विटेकर, नीरजा भटनागर, सुदर्शना त्रिगुणाइत, संगीता खोदना, वर्षा मोरे ने कार्यक्रम में भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए.
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