मुंबई से सटे पालघर जिले के विरार इलाके में लावारिस बैग में 13 मार्च को मिले महिला के कटे हुए सिर की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. मांडवी पुलिस थाने की हद में विरार फाटा के पास स्थित पीरकुंडा दरगाह परिसर में मिला उक्त कटा हुआ सिर मूलरूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली महिला का था. मृतका की पहचान 51 वर्षीया उत्पला हरीश हिप्परगी के रूप में सामने आई है.
उत्पला मर्डर केस की जांच मांडवी पुलिस और पालघर पुलिस क्राइम ब्रांच यूनिट 3 संयुक्त रूप से कर रही थी. पुलिस ने उल्लेखनीय कार्य करते हुए मृतका के 49 वर्षीय पति हरीश हिप्परगी को कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया है.
बच्चे के विवाद में किया कत्ल
पुलिस को जांच में पता चला है हरीश मूलरूप से कर्नाटक का निवासी है. हरीश की उत्पला से मुलाकात एक होटल में काम के दौरान करीब 12 साल पहले हुई थी. दोनों पहले से ही शादीशुदा थे और उनके पहले से ही एक-एक बच्चे भी थे. दोनों अपने बच्चों के साथ अलग – अलग रहते थे. धीरे – धीरे उनकी पहचान, दोस्ती और फिर प्यार में तब्दील गई. बाद दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था. हालांकि कुछ वर्षों के बाद हरीश, उत्पला के पहले पति के बच्चे को अपनाने से इनकार करने लगा था. इस वजह से उनके बीच तकरार होने लगी थी.
24 घंटों में पुलिस ने सुलझाई गुत्थी
उत्पला का कटा सिर भले ही 13 मार्च को मिला था. लेकिन असल में हरीश ने करीब ढाई महीने पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया था. बच्चे को लेकर हुए झगड़े के बाद गुस्साए हरीश ने 8 जनवरी को उत्पला का गला घोंट दिया था. सुबह करीब 3 बजे अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद उसने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था. शरीर के अन्य अंगों को टुकड़े-टुकड़े करके फिर उन्हें पीरकुंडा दरगाह के पास नाले में फेंक दिया.
ऐसे खुला कत्ल का राज
यदि हरीश ने शरीर के टुकड़ों की तरह सर की भी ठिकाने लगाया होता तो तो शायद उत्पला के कत्ल की बात किसी को कभी पता ही नहीं चली होती. लेकिन चोर की दाढ़ी में तिनका की तर्ज पर आरोपी खुद ही अपने गुनाह के सबूत छोड़ता है. हरीश ने उत्पला का कटा सिर पहले एक बोरी में डाला फिर उस बोरी को ट्रैवल बैग में भर कर पिरकुंडा दरगाह के पास के वीरान इलाके में फेंक दिया था. हरीश की बदकिस्मती ही कहेंगे कि करीब ढाई महीने बाद कुछ बच्चे खेलते हुए उस बैग तक पहुंच गए. बच्चों ने जिज्ञासा वश बैग खोला तो कटा हुआ सिर सामने आ गया.
पुराने पते से मिला कातिल पति का सुराग
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची मांडवी पुलिस को बैग से एक पाउच मिला जिसमे एक सोनार की पुरानी पर्ची थी. सोनार से पुलिस को उत्पला का मोबाइल नंबर और पुराना पता मिल गया. लाश उत्पला की ही है, यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस सोनार द्वारा दिए गए पते पर पहुंची तो पता चला कि उत्पला वर्षों पहले वहां रहती थी. सोनार से मिला उसका मोबाइल नंबर भी बंद था. लेकिन पुलिस को उत्पला का नया ठिकाना यानी पति हरीश का पता और मोबाइल नंबर पुराने पड़ोसियों से मिल गया. इस जानकारी के आधार पर पुलिस सीधे हरीश के घर पहुंच गई और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो हरीश ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उत्पला के बच्चे से पीछा छुड़ाने की जिद में हरीश न सिर्फ खुद कातिल बन गया बल्कि उसने अपने बच्चे को भी अनाथ बना दिया.
