मुंबई. ठाणे जिले के शाहपुर क्षेत्र अंतर्गत आने वाली एक प्रतिष्ठित इंग्लिश स्कूल की प्रिंसिपल व एक अन्य कर्मचारी को पुलिस ने पोक्सो एवं भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है. प्रिंसिपल पर स्कूल की कक्षा 6 से कक्षा 10 में पढ़ने वाली करीब 125 छात्राएं के कपड़े और अंतर्वस्त्र निकलवाने का आरोप है. गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले इस मामले की गूंज गुरुवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र में सुनाई दी.
स्कूल में मासिक धर्म से गुजर रही एक छात्रा की तलाश के लिए कई छात्राओं के कपड़े उतरवाने के मामले में मंगलवार को डरी सहमी हालत में घर पहुंची छात्राओं ने रो रो कर अपने अभिभावकों को आपबीती सुनाई, जिसके बाद अभिभावकों का पारा चढ़ गया. गुस्साए अभिभावकों ने बुधवार को पहले स्कूल के बाहर और फिर बाद में स्थानीय पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार को महाराष्ट्र विधान मंडल में राकां शरदचंद्र पवार पार्टी के विधायक एवं राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता जितेंद्र आव्हाड ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि शहापुर के एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी स्कूल में मासिक धर्म की जांच के बहाने 10 से 12 छात्राओं को निर्वस्त्र करके प्रताड़ित किया गया. आव्हाड ने घटना में आरोपी स्कूल की प्रिंसिपल और अन्य महिला कर्मचारियों को निलंबित करने तथा सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई करने की मांग सदन में की.
एक छात्रा के लिए 125 छात्राओं के कपड़े उतरवाए
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि अर्चना एजुकेशन ट्रस्ट के माध्यम से संचालित किए जा रहे आर.एस दमानिया स्कूल के महिला शौचालय में खून के धब्बे दिखाई दिए थे. इसके बाद माहवारी से गुजर रही छात्रा की तलाश के लिए स्कूल की प्रधानाचार्या माधुरी गायकवाड ने शर्मसार करनेवाली हरकत कर डाली. महिला होने के बाद भी प्रधानाचार्य ने मासिक धर्म की पीड़ा को नहीं समझा. उन्होंने अन्य शिक्षिकाओं एवं सफाईकर्मी महिला की मदद से स्कूल में कक्षा 6 से 10 तक की सभी छात्राओं के कपड़े और अंतरवस्त्र निकाल कर जांच की. इससे स्कूल की छात्राएं डर गईं. अभिभावकों ने आरोप लगाया कि बच्चियों के कपड़े एवं अंतरवस्त्र तो निकलवाए ही गए. इसके अलावा स्कूल में पानी की कमी के कारण, लड़कियों द्वारा दीवार से पोंछे गए खून के धब्बे प्रोजेक्टर के माध्यम से सभी छात्राओं को दिखाए गए तथा कुछ लड़कियों के फिंगरप्रिंट भी लिए गए.
विपक्ष की सक्रियता से हिली सरकार
महाराष्ट्र मानसून सत्र प्रगति पर होने के दौरान घटित हुई मानवता को शर्मसार करनेवाली इस घटना के विरोध में राजनीतिक लोग भी शामिल हो गए. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के शहर प्रमुख विजय देशमुख, बाला निमसे, गणेश अवसरे, मिलिंद देशमुख ने भी अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए कार्रवाई की मांग की तो वहीं जितेंद्र आव्हाड ने मामला विधानसभा में उठाया.
स्कूल पहुंची महिला आयोग की अध्यक्ष
यह मामला संज्ञान में आने के बाद महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष रुपाली चाकणकर, गुरुवार को शहापुर के दमानिया स्कूल पहुंच गईं. चाकणकर ने वहां अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षा विभाग और पुलिस से की गई जांच की जानकारी ली उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. महिला आयोग की ओर से सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर बताया गया है कि राज्य महिला आयोग ने ठाणे के पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है तथा शिक्षा उपनिदेशक को भी उनके द्वारा की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इतना ही नहीं महिला आयोग की ओर से ये भी कहा गया है कि यदि स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई करनी पड़ती है तो शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों का नुकसान न हो यह याद रखते हुए कार्रवाई करे और पुलिस अभिभावकों को विश्वास में लेकर मामले की जांच करे.
सुरक्षा पर उठाए सवाल
यह घटना प्रकाश में आने के बाद अभिभावकों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए. इस संबंध में समूह शिक्षा अधिकारी रामचंद्र विशे ने संस्थान के प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई प्रतिसाद नहीं मिला. विशे ने कहा कि इस संबंध में वरिष्ठों को रिपोर्ट भेजी जाएगी. तो वहीं पुलिस उपाधीक्षक मिलिंद शिंदे ने कहा कि संस्थान प्रबंधन ने प्रधानाचार्य को बर्खास्त करने के संबंध में एक पत्र भेजा है. उन्होंने अभिभावकों को आश्वासन भी दिया कि नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी. तो वहीं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना की नेता एवं विधान परिषद में उपसभापती नीलम गोर्हे ने कहा कि यह घटना असंवेदनशीलता का एक भयानक उदाहरण है और इस तरह के कृत्यों को बिल्कुल भी माफ किया जा सकता है. एक शैक्षणिक संस्थान में इस तरह का अमानवीय व्यवहार बेहद गंभीर मामला है. मैंने शिक्षा मंत्री और संबंधित विभागों से मांग की है कि लड़कियों को वैज्ञानिक जानकारी और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता सिखाई जाए.

आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल माधुरी गायकवाड़, शिक्षिका प्रज्ञा, नेहा, प्रिया, स्नेहा, संस्था की निदेशक इंदिरा पाटोदिया, लक्ष्मी देवड़ा और महिला कर्मचारी नंदा के खिलाफ पोक्सो एवं भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया गया है. मामले में प्रधानाचार्य और एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है.