दो साल में 1 लाख से ज़्यादा कुत्तों का किया टीकाकरण
163 स्वास्थ्य संस्थानों में एंटी-रेबीज टीकाकरण केंद्र
मुंबई. मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने 2030 तक मुंबई को रेबीज मुक्त बनाने का संकल्प लिया है. इसके लिए बीएमसी ने मिशन रेबीज के सहयोग से एक महत्वाकांक्षी पहल ‘मुंबई रेबीज उन्मूलन अभियान’ शुरू किया है. इस के तहत जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य शिक्षा सत्र और टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं. 2023 से अब तक 1 लाख से ज़्यादा कुत्तों का टीकाकरण हो चुका है. इसके लिए जीपीएस ट्रैकिंग और डब्ल्यूवीएस ऐप जैसे डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुंबई मनपा (बीएमसी) क्षेत्र में इस टीकाकरण सुविधा के लिए 163 स्वास्थ्य संस्थानों में एंटी-रेबीज टीकाकरण केंद्र कार्यरत हैं. बीएमसी लोगों से रेबीज टीकाकरण और उपचार सुविधाओं का लाभ उठाने की अपील कर रही है. सामूहिक प्रयासों से वर्ष 2030 तक रेबीज के कारण होने वाली मानव मृत्यु को समाप्त किया जा सकेगा.
क्या है रेबीज?
रेबीज एक जूनोटिक रोग है और आमतौर पर कुत्तों के माध्यम से फैलता है. यदि रेबीज के विरुद्ध निवारक उपाय किए जाएं, तो इस रोग को पूरी तरह से, शत-प्रतिशत रोका जा सकता है. इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 28 सितंबर को ‘विश्व रेबीज दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य रेबीज के बारे में जागरूकता पैदा करना और ‘वन हेल्थ’ के दृष्टिकोण से इस रोग के नियंत्रण में हुई प्रगति पर प्रकाश डालना है. यह दिवस 2007 से विश्व रेबीज दिवस के साथ मिलकर विश्व स्तर पर आयोजित किया जा रहा है. इस वर्ष का नारा है: “अभी कार्य करें: आप, मैं, समुदाय”. रेबीज की रोकथाम केवल एक संगठन या समूह का मामला नहीं है, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक हितधारक और पूरे समाज का प्रयास है. बीएमसी आयुक्त एवं प्रशासक भूषण गगरानी ने समाज के सभी वर्गों से इस अभियान में भाग लेने और योगदान देने की अपील की है.
कुत्ते के काटने के बाद बरती जाने वाली सावधानियां-
घाव को साबुन और साफ पानी से 15 मिनट तक धोएं.
हल्दी, तेल, चूना आदि कोई भी चीज न लगाएं.
चिकित्सीय सलाह के अनुसार एंटी-रेबीज़ टीकाकरण पूरा करें.
गंभीर काटने की स्थिति में नजदीकी मनपा अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती हों.
अपरिचित या आवारा जानवरों से दूर रहें.
अपने पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण करवाएं.
डॉक्टर की सलाह के अनुसार टीकाकरण करवाएं.
बीएमसी में रेबीज संबंधी सुविधाएं:
कुल कार्यरत एंटी-रेबीज़ टीकाकरण केंद्र: 163 (मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल/सामान्य अस्पताल/नगरपालिका अस्पताल/ आपला दवाखाना). (शाम के समय कुल 70 स्थानों पर टीकाकरण सुविधा उपलब्ध है).
बीमसी में एआरवी वैक्सीन और इम्युनोग्लोबुलिन उपलब्ध हैं.
कस्तूरबा अस्पताल में रेबीज रोगियों के लिए एक विशेष वार्ड उपलब्ध कराया गया है.
वर्ष 2024 में कुत्तों द्वारा काटे गए नागरिकों की कुल संख्या लगभग 1,00,000 है. उपरोक्त आंकड़ों में मुंबई के बाहर के मरीज और दोहराव शामिल हैं, जिनका औसत अनुपात लगभग 15 से 20 प्रतिशत है.
मुंबई रेबीज उन्मूलन अभियान (एमआरईपी)
बृहन्मुंबई नगर निगम और मिशन रेबीज के सहयोग से शुरू किया गया ‘मुंबई रेबीज उन्मूलन अभियान’ एक महत्वाकांक्षी पहल है. इसका उद्देश्य 2030 तक मुंबई को रेबीज मुक्त बनाना है. इसके अंतर्गत जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य शिक्षा सत्र और टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं.
बृहन्मुंबई नगर निगम, जन स्वास्थ्य विभाग और पशु चिकित्सा विभाग द्वारा किए जा रहे निवारक उपाय:
बड़े पैमाने पर एंटी-रेबीज डॉग वैक्सीनेशन (एआरवी): 2023 से अब तक 1 लाख से ज़्यादा कुत्तों का टीकाकरण किया जा चुका है. इसके लिए जीपीएस ट्रैकिंग और डब्ल्यूवीएस ऐप जैसे डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. विशेष अभियानों के ज़रिए कम समय में ही उच्च कवरेज हासिल किया गया है.
पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी): आवारा पशुओं की संख्या को नियंत्रित करने के लिए, कुत्तों और बिल्लियों की शल्य चिकित्सा द्वारा नसबंदी की जा रही है.
सूचना एवं संचार तकनीक और जागरूकता: इस वर्ष, स्कूल और सामुदायिक स्तर की गतिविधियों के माध्यम से 1 लाख से अधिक छात्रों और 75,000 समुदाय के सदस्यों को रेबीज की रोकथाम, काटने पर तत्काल देखभाल और पालतू जानवरों के ज़िम्मेदाराना स्वामित्व के बारे में शिक्षित किया गया है.
सर्वेक्षण और प्रतिक्रिया: रेबीज प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) और कुत्ता नियंत्रण इकाइयों (डीसीओ) द्वारा काटने की घटनाओं की जांच और रिंग टीकाकरण किया जा रहा है.
पालतू जानवरों का लाइसेंस और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की सुरक्षा: बृहन्मुंबई नगर निगम में कुत्तों के लाइसेंस ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं.
विशेष पहल:
उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP)
बृहन्मुंबई नगर निगम के निर्दिष्ट क्लीनिकों में पशु चिकित्सकों, कुत्ता पालकों, प्रयोगशाला कर्मचारियों और गैर सरकारी संगठनों के कर्मचारियों के लिए नियमित PrEP टीकाकरण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
बृहन्मुंबई नगर निगम के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी ने विश्वास व्यक्त किया है कि इन सभी समन्वित प्रयासों से रेबीज का उन्मूलन निश्चित रूप से प्राप्त किया जा सकता है.