सायन, केईएम अस्पतालों में अनियमितता का खुलासा
मुंबई. महाराष्ट्र की महायुति सरकार राज्य में महात्मा ज्योतिराव फुले (एमजोेएफ) जन आरोग्य योजना के तहत कुछ विशिष्ट बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को मुफ्त उपचार उपलब्ध कराने का दावा करती है. लेकिन इस योजना को सरकारी अस्पतालों में पलीता लगाया जा रहा है. बीजेपी विधायक चित्रा वाघ ने सोमवार को विधान परिषद में कहा मुंबई महानगर पालिका के सायन और केईएम अस्पताल में मरीजों से 60 हजार से 1.20 लाख रुपए तक की वसूली किए जाने का खुलासा हुआ है. यह राशि सायन अस्पताल में ‘इमारत विकास निधि’ के नाम पर चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर वसूली जा रही है. तो वहीं केईएम अस्पताल में ‘पुअर बॉक्स फंड’ में पैसे जमा किए जाते हैं.
विधायक वाघ ने कहा कि अहिल्या नगर से आए एक मरीज से ऑपरेशन के लिए 1.20 लाख रुपए मांगे गए थे. उन्होंने इस मामले की गहराई से जांच किए जाने की मांग की. विधायक वाघ के आरोपों के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने जांच के लिए महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के अधिकारियों की एक समिति बनाने का आश्वासन दिया. इसी तरह विधान परिषद में संजय खोडके के प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री आबिटकर ने कहा कि महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों को बहुत कम निधि मिलती है. फिलहाल अस्पतालों को केवल 12 प्रतिशत निधि मिलती है. जबकि मरीजों को राहत देने के लिए सरकार ने तमिलनाडु मॉडल लागू करने का निर्णय लिया है. इसके बाद सरकारी अस्पतालों को 50 प्रतिशत निधि दी जाएगी. इस संबंध में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
अमरावती में 15 दिनों में शुरू होगी कैथ लैब
अमरावती के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए निधि देने की मांग संजय खोडके ने की. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूरक मांगों से मिलने वाली निधि से अमरावती अस्पताल को फंड उपलब्ध कराया जाएगा और अमरावती में कैथ लैब आगामी 15 दिनों में शुरू की जाएगी.
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